पुणे: तीन चीनी फैक्ट्रियों ने शुगर कमिश्नरेट से 2025-26 के गन्ना पेराई सीजन के लिए लाइसेंस मिलने से पहले ही गन्ने की पेराई शुरू कर दी थी। शुगर कमिश्नर डॉ. संजय कोलते ने इन फैक्ट्रियों पर 500 रुपये प्रति टन के हिसाब से करीब 14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के आदेश जारी किए हैं। फैक्ट्रियों को यह रकम सात दिनों के अंदर चुकानी होगी।
दैनिक ‘पुढारी’ में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, बिना लाइसेंस के गन्ना पेराई करने वाली चीनी फैक्ट्रियों में इंदापुर में स्थित शुगर फैक्ट्री भी शामिल है। इस फैक्ट्री पर करीब 11 करोड़ 21 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। पंढरपुर (सोलापुर जिले) में कोऑपरेटिव शिरोमणि वसंतराव काले कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्री पर 2 करोड़ 32 लाख रुपये और सांगली जिले में रायगांव शुगर एंड पावर लिमिटेड (कैन एग्रो एनर्जी) नाम की प्राइवेट फैक्ट्री पर करीब 39 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
राज्य में इस साल 2025-26 का गन्ना क्रशिंग सीज़न 1 नवंबर से शुरू हो गया है। शुगरकेन कंट्रोल ऑर्डर के मुताबिक, चीनी बनाने वाले को गन्ना क्रशिंग करने के लिए शुगर कमिश्नरेट से क्रशिंग लाइसेंस लेना जरूरी है। साथ ही, शुगर कमिश्नरेट ने एक सर्कुलर के ज़रिए क्रशिंग लाइसेंस की मांग का पूरा प्रपोज़ल जमा करके फैक्ट्रियों को क्रशिंग लाइसेंस लेने की जानकारी दी थी। शुगर के रीजनल जॉइंट डायरेक्टर की रिपोर्ट के मुताबिक, संबंधित फैक्ट्रियों के साथ सुनवाई की गई और उनकी बातें सुनी गईं। उसके बाद कार्रवाई की गई है।

















