बिजनौर (उत्तर प्रदेश) : गन्ना विकास विभाग एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की संस्था केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान मोदीपुरम के संयुक्त तत्वावधान ग्राम सलाराबाद में हुई किसान गोष्ठी में वैज्ञानिक व अधिकारियों ने गन्ने के साथ आलू एवं अन्य सहफसली खेती को बढ़ावा देने तथा गन्ने का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया। अमर उजाला में प्रकाशित खबर के अनुसार, गोष्ठी में केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान मोदीपुरम के प्रधान वैज्ञानिक डॉ संजय रावल, मुख्य तकनीकी अधिकारी डॉ. अशोक कुमार चौहान गन्ने के साथ आलू की सहफसली खेती को किसानों की आय बढ़ाने एवं भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए अत्यंत उपयोगी बताया।
कृषि वैज्ञानिक डॉ. के के सिंह एवं डॉ. पिंटू कुमार ने किसानों को जैविक खेती को अपनाने की सलाह दी।बसंतकालीन बुवाई के लिए प्रत्येक किसानों को कम से कम तीन नवीनतम गन्ना प्रजातियों को शामिल करने का सुझाव दिया। जिला गन्ना अधिकारी पीएन सिंह ने बसंतकालीन गन्ने के साथ सहफसली खेती के लिए कृषि विभाग द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे उर्द था मूंग के बीज संबंध में जानकारी दी। महाप्रबंधक गन्ना डॉ प्रमोद कुमार ने शुगर मिल द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी दी।

















