भारतीय चीनी उद्योग को प्रतिस्पर्धा में लाने के लिए अपेक्षित प्रयास किए जाएँगे: ISMA

7 नवंबर, नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के गुरुग्राम में चल रही दो दिवसीय 10 वीं एशिया शुगर एवं इथेनॉल कॉन्फ़्रेंस चीनी उद्योग से जुड़े बाज़ार और कारोबार से जुड़ी संभावनाओं की गहन चर्चा एवं मंथन के बीच समाप्त हो गयी। सम्मेलन में देश विदेश से आए 250 से भी अधिक डेलिगेट्स ने भाग लिया। दो दिनों के दौरान कई दौर के चर्चा सत्रों का आयोजन किया गया जिनमें भारत में चीनी उद्योग की वर्तमान स्थितियों के साथ सरकार की तरफ़ से बनायी गयी व्यापार संवर्धन नीति को सरल करने पर प्रकाश डाला गया। विशेषज्ञों ने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत की तरफ़ देख रही है। यहाँ चीनी व्यापार के साथ शुगर प्लांट लगाने के लिए आवश्यक मशीनरी के निर्यातक की बड़ी संभावनाएँ है।

इस अवसर पर मीडिया से बात करते हुए इंडियन सुगर मिल एशोसियेशन के महानिदेशक अविनाश वर्मा ने कहा कि चीनी उद्योग को बढ़ावा देने के साथ इंडस्ट्री के सामने आ रही चुनौतियों और वर्तमान चिन्ताओं को लेकर सभी मुद्दों पर चर्चा हुई है। वैश्विक बाज़ार और कारोबार से जुड़े निवेशकों ने अपनी अपनी समस्याओं को चर्चा के दौरान सबके सामने रखा। इस दौरान वैश्विक बाज़ार की चुनौतियों के बीच आपसी सहयोग और साझेदारी बढ़ाने पर भी ज़ोर दिया गया। वर्मा ने कहा कि सभी सत्रों के दौरान जो मुद्दे सामने आए हैं उन सभी मुद्दों को ड्राफ़्ट किया जा रहा है। बाद में सरकार से सहयोग लेने के लिए हम अपना पक्ष रखेंगे। वर्मा ने कहा कि वैश्विक स्तर पर भारतीय चीनी उद्योग को प्रतिस्पर्धा में लाने के लिए अपेक्षित प्रयास किए जाएँगे।

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