इस साल स्थितियां अनुकूल नहीं रहने से चीनी उद्योग को परेशानी का सामना करना पड रहा है: येदियुरप्पा

बैंगलुरू, 06 जनवरी: कर्नाटक सरकार प्रदेश के गन्ना और चीनी उद्योग को प्रौत्साहन देने के लिए काम कर रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने बैंगलुरु में मीडिया से बात करते हुए कहा कि भारत सरकार की प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना से आर्थिक मजबूरी से परेशान यहां के गन्ना किसानों को फ़ायदा होगा। वित्तीय तंगी से जूझ रहे गन्ना किसानों के लिए ये योजना सामाजिक सुरक्षा का काम करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि दक्षिण भारतीय राज्यों में कर्नाटक में गन्ने की खेती काफी तादाद में होती है। इसलिए यहाँ चीनी उद्योग भी काफ़ी सक्रिय है। लेकिन इस साल स्थितियां अनुकूल नहीं रहने से गन्ना और चीनी उद्योग दोनों को ही परेशानी का सामना करना पड रहा है।

कर्नाटक के इलगम, मांड्या, मैसूर, बिजापुर और शिमोगा जैसे जिलों में गन्ने की काफी खेती होती है। इन इलाकों के किसानों को इस बार बाढ़ के कारण काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही चीनी मिलों को लिए भी स्थिति ठीक नहीं रही। गन्ना पैराई सत्र देरी से शुरु होने के साथ इसके अल्प समय तक चलने की संभावना है। लेकिन हमारी सरकार स्थिति पर नजर बनाए हुए है। गन्ना किसानों को आर्थिक लाभ दिलाने के लिए पीएम किसान योजना वित्तीय़ समायोजन का बडा माध्य़म बन रही है।

प्रदेश सरकार के किसान कल्याण संकल्प पर बात करते हुए कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने येदियुरप्पा सरकार को किसान विरोधी करार दिया। सिद्धारमैया ने कहा कि प्रदेश में गन्ना की खेती बाढ़ से बर्बाद हो गयी लेकिन न तो राज्य सरकार ने किसानों की कोई मदद की औऱ ना ही केन्द्र सरकार ने वित्तीय राशि भेगी। आज ये लोग गन्ना किसानों और चीनी मिलों को वित्तीय मदद देने की बात कर रहे है, जो एक छलावा है।

सिद्धारमैया ने कहा कि अगर ये सरकार गन्ना किसानों के लिए समय पर कल्याणकारी कदम उठाती को पीएम मोदी के दौरे के दौरान गन्ना किसान सड़कों पर आकर पीएम के दौरे का विरोध करने को मजबूर नहीं होते। पीएम मोदी जब भाषण दे रहे थे तब गन्ना किसान सड़क पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। सिद्धारमैया ने कहा कि हमारी सरकार थी तब हमने गन्ना और चीनी उद्योग को आगे लाने के लिए न केवल नई नई योजनाओं को लागू किया बल्कि ज़मीनी स्तर पर उन्हें समय रहते क्रियान्वित करने में भूमिका भी निभाई। उन्होंने कहा कि आज चीनी मिलें बंद होने के कगार पर पहुँच गयी है सरकार की आँखों के सामने गन्ना किसान आत्महत्या कर रहे हैं लेकिन भाजपा की केन्द्र सरकार आँख मूँद कर बैठी है।

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