पाली (राजस्थान): चीनी व्यापारियों ने राजस्थान सरकार से मंडी सेस हटाने की मांग करते हुए कहा है कि इस सेस की वजह से कारोबारियों के साथ-साथ सरकार को भी नुकसान होता है।
व्यापारियों ने बताया कि राजस्थान में चीनी पर 1.60 फीसदी मंडी सेस लिया जाता है, जिससे चीनी का थोक भाव बढ़ जाता है। वहीं मध्यप्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में यह सेस नहीं लिया जाता, जिससे इन राज्यों में राजस्थान के मुकाबले सस्ती चीनी मिलती है। इसके चलते कई व्यापारी पड़ोसी राज्यों से चीनी लाकर यहां के खुदरा व्यापारियों को बेचते हैं, जिससे राजस्थान में चीनी का कारोबार कम होने के साथ ही राज्य सरकार को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इन बातों के मद्देनजर चीनी के कारोबारियों ने राज्य सरकार से इस सेस को वापस लेने पर विचार करने की मांग की है।
आपको बता दे, इससे पहले राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ ने सरकार से चीनी पर लागू मंडी सेस काे बजट में समाप्त करने की मांग की थी।
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