चीनी मिल को मिली मार्च 5 की डेडलाइन

मदुराई: तमिलगा विविसायगल संगम के अध्यक्ष एन. रामचंद्र राजा के नेतृत्व में गन्ना किसानों ने जिला कलेक्टर आर. कन्नन की अध्यक्षता में आयोजित मासिक किसान शिकायत निवारण बैठक में अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। गन्ना किसानों ने निजी चीनी मिल के विरोध में बिना शर्ट के आंदोलन किया। मिल किसानों का 14 करोड़ बकाया का भुगतान करने में नाकाम रही है।

राजा ने कहा कि, तेनकासी जिले के वासुदेवनल्लूर चीनी मिल ने राजापलायम, श्रीविल्लिपुत्तुर और वाट्रप तालुकों के किसानों से गन्ना खरीदा था और गन्ना 2018-19 में काटा गया था। चीनी मिल ने 2018 पेराई सत्र के लिए 173 किसानों से 2,783 टन गन्ने की खरीद की थी। उन्होंने शिकायत की कि, किसानों को इस गन्ने के पैसे आज तक नहीं दिए गए है। किसानों ने जिला प्रशासन के सामने कई बार यह मामला उठाया था, लेकिन उन्होने भी किसानों को बकाया भुगतान करने के लिए कोई प्रभावी उपाय नहीं किया। हालांकि कलेक्टर आर. कन्नन ने उन्हें शांत करने की कोशिश की, लेकिन किसान अपनी बात पर अड़े रहे।

राजा ने कहा कि, मिल ने किसानों से खरीदे गए गन्ने से उत्पादित चीनी, बगास और बिजली बेच दी थी, लेकिन यह किसानों को भुगतान करने के लिए तैयार नहीं है। किसानों ने फसल उगाने के लिए सहकारी और राष्ट्रीयकृत बैंकों से ऋण लिया था। किसान कर्ज नहीं चुका पा रहे हैं और बैंक ऋण अदायगी में चूक के लिए कार्यवाही की चेतावनी दे रहे हैं।

हालांकि, एक अधिकारी ने कहा कि कलेक्टर ने किसानों को बकाया राशि का वितरण शुरू करने के लिए चीनी मिल को 5 मार्च की समयसीमा जारी की है, और अगर इसमे मिल विफल रहे तो आगे की कार्रवाई के बारे में निर्णय करने के लिए राजपालयम तालुक कार्यालय में 6 मार्च को एक और बैठक आयोजित की जाएगी।

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