सातारा : चीनी मंडी
महाराष्ट्र में कई चीनी मिलों द्वारा गन्ना पेराई सीजन खत्म किया जा रहा है। सातारा जिले में गन्ना पेराई सीजन अपने आखरी चरण में है। गर्मी की तीव्रता में वृद्धी के कारण कटाई कार्य कुछ हद तक धीमा हो गया है। जिले में 14 मिलों ने अभी तक 62 लाख 68 हजार 530 टन गन्ने की पेराई की, और 73 लाख 78 हजार 820 क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है। चूंकि गन्ने का क्षेत्र अभी भी शेष है, इसलिए गन्ना पेराई मौसम थोड़ा और चलेगा।
जिले में चीनी मिलों ने अपने घोषित पेराई लक्ष को पूरा करने के लिए प्रयास तेज कर दिए है। इस साल सीजन देरी से शुरू होने के बावजूद चीनी रिकवरी पर ज्यादा असर नहीं हुआ है। अब तक चीनी रिकवरी 11.77 प्रतिशत है। जिले में क्रशिंग, चीनी उत्पादन और रिकवरी में जरन्देश्वर मिल सबसे आगे है।
महाराष्ट्र में अब तक 56 चीनी मिलों ने गन्ना पेराई बंद कर दिया है। गन्ने की अनुपलब्धता के कारण कई चीनी मिलों ने इस सीजन में भाग नहीं लिया। इस सीजन में राज्य की चीनी मिलों को बाढ़ और सूखे के वजह से मुश्किलों का सामना करना पडा है। जिसके चलते कई चीनी मिलें परेशानी में है।
चीनी आयुक्तालय के रिपोर्ट के मुताबिक, 15 मार्च, 2020 तक 56 चीनी मिलों ने पेराई बंद कर दी है। जिसमे से 17 औरंगाबाद, 9 अहमदनगर, 9 सोलापर, 5 पुणे, 8 कोल्हापुर, 6 नादेड और 2 अमरावती की चीनी मिलें शामिल है। फ़िलहाल अब तक चीनी मिलों ने 501.05 लाख टन गन्ना पेराई करके के 11.15 प्रतिशत चीनी रिकवरी के हिसाब से 558.49 लाख क्विंटल, यानी लगभग 55.84 लाख टन चीनी उत्पादन किया है।
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