पारनेर: देश कोरोना वायरस से जूझ रहा है, जसिके कारण कई उद्योग को जबरदस्त नुकसान हो रहा है। चीनी उद्योग भी लॉकडाउन के चलते आर्थिक संकट से जूझ रहा है। चीनी की घरेलु बिक्री ठप पड़ी है और निर्यात भी रुका है, जिसके चलते मिलों के पास गन्ना किसानों और कर्मचारियों को चुकाने के लिए पैसे नहीं है।
सकाळ में प्रकाशित खबर के मुताबिक, क्रांति शुगर मिल द्वारा 300 श्रमिकों का तीन महीने का वेतन बकाया है। वेतन भुगतान को लेकर श्रमिकों ने मिल प्रबधंन को कई बार आवेदन देने के बावजूद, क्रांति चीनी प्रशासन ने वेतन के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है। इसलिए, मजदूर नेता शिवाजी सरडे और तात्या देशमुख के साथ मजदूरों ने मिल का काम बंद कर दिया। यशवंत औटी और बालासाहेब औटी सहित अन्य श्रमिकों ने वेतन भुगतान तत्काल करने की मांग की है।
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