कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कीटनाशक उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ रेगिस्तानी टिड्डी नियंत्रण पर चर्चा की

नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने खेतों में टिड्डियों के हमलों को रोकने हेतु एक रणनीति तैयार करने के लिए आज यहां कीटनाशक कंपनियों के प्रमुखों और अन्य प्रतिनिधियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चर्चा की। इस दौरान श्री तोमर ने कहा कि कृषि एक प्राथमिकता वाला क्षेत्र है जिस पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा विशेष जोर दिया जा रहा है। श्री तोमर ने कहा कि सरकार निर्बाध बुवाई एवं कटाई संचालन सुनिश्चित करने में कोई भी परेशानी नहीं आने देगी। उन्‍होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें रेगिस्तानी टिड्डी पर नियंत्रण करने के उपायों पर एक साथ काम कर रही हैं जिसमें काफी हद तक सफलता मिली है। उन्‍होंने बताया कि ब्रिटेन से नई मशीनें जल्‍द ही आ जाएंगी, जिनका ऑर्डर दिया जा चुका है। .

इस चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री श्री तोमर के साथ कृषि राज्य मंत्री श्री परषोत्तम रूपाला व श्री कैलाश चौधरी तथा संबंधित वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। श्री तोमर ने कहा कि कृषि मंत्रालय ने टिड्डी समस्या को लेकर अनेक कदम उठाए हैं। यह ज्वलंत विषय है। लंबे अरसे बाद पिछले साल टिड्डी दलों का हमला हुआ, तो सभी लोग एकाएक घबरा गए, लेकिन संतोष की बात यह है कि किसानों के साथ ही हम सबने मिलकर इससे मुकाबला किया और टिड्डी दलों को नष्‍ट कर नुकसान रोकने की कोशिश की गई। उन्‍होंने कहा कि जिन किसानों को नुकसान हुआ, उन्‍हें केंद्र एनडीआरएफ से मदद दे रहा है। उन्‍होंने बताया कि युद्ध स्तर पर हमारे सामूहिक प्रयत्नों को देखते हुए पूरी दुनिया में भारत की प्रशंसा हुई। कीटनाशक कंपनियों का भी इसमें योगदान रहा।

उन्होंने बताया कि पिछली बार समस्या को देखते हुए उच्चस्तरीय बैठकें की गईं, जिनमें कर्मचारियों एवं मशीनों सहित सारे साधन बढ़ाने की तैयारी की गई है एवं सभी उपाय किए जा रहे हैं। आपदा से निपटने का जज्बा हम सबमें है, जिससे मिल-जुलकर इस संकट से निजात पा लेंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कीटनाशक कंपनियों के प्रमुखों / प्रतिनिधियों ने सुझाव दिए। उन्होंने अलग-अलग क्षेत्र तय करने का भी सुझाव दिया, ताकि सभी को सुविधा हो। इस पर मंत्री महोदय ने सहमति जताई। सभी कंपनियों के प्रमुखों ने अपने सीएसआर व अन्य संसाधनों का उपयोग करने संबंधी आश्वासन दिया एवं बताया कि वे राज्य सरकारों तथा कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के साथ मिलकर इस समस्या को नियंत्रण करने हेतु हरसंभव प्रयास करेंगे।

अधिकारियों ने जानकारी दी कि अब तक राजस्थान के जैसलमेर, श्रीगंगानगर, जोधपुर, बाड़मेर व नागौर जिले तथा पंजाब के फाजिल्का में डेढ़ सौ जगहों पर 14,300 हेक्टेयर क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण किया गया है। वर्तमान में श्रीगंगानगर, फलौदी (जोधपुर), बाड़मेर, अजमेर व नागौर जिले में टिड्डी झुंड सक्रिय हैं।

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