इस खरीफ सीजन में धान, दलहन की खेती का रकबा बढ़ा : केंद्र सरकार

नई दिल्ली : कृषि मंत्रालय ने सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद कहा कि, इस खरीफ सीजन में धान, दलहन, मोटे अनाज और तिलहन की खेती का रकबा बढ़ा है। मंत्रालय ने कहा कि, 2 मई तक धान की बुवाई पिछले साल के मुकाबले 3.44 लाख हेक्टेयर और दलहन की बुवाई 2.20 लाख हेक्टेयर बढ़ी है। 2023-24 में उक्त तिथि तक धान की बुवाई 28.57 लाख हेक्टेयर थी, जबकि इस साल यह बढ़कर 32.02 लाख हेक्टेयर हो गई है।

मंत्रालय ने कहा, 2024-25 में दलहनों की बुवाई बढ़कर 20.67 लाख हेक्टेयर हो गई है, जबकि 2023-24 में यह 18.47 लाख हेक्टेयर थी।साथ ही कहा कि मूंग और उड़द जैसी लोकप्रिय किस्मों की खेती में क्रमश: 1.70 लाख हेक्टेयर और 0.50 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है। बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों ने केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान को बताया कि, 2023-24 की तुलना में 2024-25 में प्याज और आलू की बुवाई में भी वृद्धि हुई है।

बैठक के बाद मंत्रालय ने एक बयान में कहा, प्याज की बुवाई में 2.82 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है, जो 2023-24 में 9.76 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 2024-25 में 12.58 लाख हेक्टेयर हो गई है। आलू की बुवाई का रकबा भी 0.47 लाख हेक्टेयर बढ़ा है।मंत्रालय के अनुसार, चालू सीजन में टमाटर और प्याज की बुआई सुचारू रूप से चल रही है। इस सीजन में तीनों फसलों की बुआई चल रही है। बैठक में मौसम की स्थिति और जलाशयों में पानी की उपलब्धता की भी समीक्षा की गई।

खाद्यान्न स्टॉक के बारे में मंत्रालय ने कहा कि, चावल और गेहूं का वास्तविक स्टॉक बफर मानक से अधिक है। चावल का स्टॉक 135.80 एलएमटी के बफर मानक के मुकाबले 389.05 लाख मीट्रिक टन [एलएमटी] है। गेहूं का स्टॉक 74.60 एलएमटी के बफर मानक के मुकाबले 177.08 एलएमटी है। इस प्रकार, चावल और गेहूं का स्टॉक 210.40 एलएमटी के बफर मानक के मुकाबले 566.13 एलएमटी है।लगभग सभी प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में गेहूं की कटाई पूरी हो चुकी है और गर्मी या उच्च तापमान का कोई असर नहीं हुआ है। बैठक में वैज्ञानिक खेती को बढ़ावा देने के लिए अभियान शुरू करने का भी फैसला किया गया। कृषि वैज्ञानिकों की टीमें कृषि में तकनीकी नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए देश के लगभग 700 गांवों का दौरा करेंगी।

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