स्वास्थ्य मंत्रालय के जागरूकता अभियान के तहत, एम्स दिल्ली कैंटीनों में ‘चीनी और तेल बोर्ड’ लगाएगा

नई दिल्ली: स्वास्थ्य मंत्रालय की स्वस्थ खान-पान की आदतों को बढ़ावा देने और बढ़ती मोटापे की दर से निपटने की नई पहल के तहत, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली जल्द ही अपनी कैंटीनों और कैफेटेरिया में ‘चीनी और तेल’ सूचना बोर्ड लगाएगा। इन बोर्डों पर परोसे जा रहे भोजन में चीनी, तेल और कैलोरी जैसी प्रमुख पोषण संबंधी जानकारी प्रदर्शित की जाएगी।

एम्स दिल्ली की प्रोफेसर और आधिकारिक प्रवक्ता डॉ. रीमा दादा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मंत्रालय का यह कदम समय पर और बेहद ज़रूरी है। उन्होंने कहा, यह एक स्वागत योग्य पहल है। मोटापा न केवल वयस्कों में, बल्कि बच्चों में भी तेजी से बढ़ रहा है। परिणामस्वरूप, मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियां, जो पहले ज्यादातर वृद्ध लोगों में देखी जाती थीं, अब बच्चों को भी प्रभावित कर रही हैं।

उन्होंने बताया कि, ये बोर्ड परोसे जा रहे भोजन के लिए प्रमुख पोषण संबंधी जानकारी—जैसे चीनी, तेल और कैलोरी—प्रदर्शित करेंगे, जिससे मरीज, कर्मचारी और आगंतुक सूचित आहार विकल्प चुन सकेंगे। उन्होंने बताया कि, एम्स निदेशक डॉ. एम. श्रीनिवास ने पहले भी अस्पताल की कैंटीनों में स्वास्थ्यवर्धक भोजन विकल्पों और पोषण संबंधी पारदर्शिता पर ज़ोर दिया था। इस पहल का उद्देश्य जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों पर अंकुश लगाना और चिकित्सा संस्थानों में स्वास्थ्यवर्धक खानपान की ओर लोगों को प्रोत्साहित करना है।

सीबीएसई ने स्कूलों में तेल बोर्ड अनिवार्य किए…

इसी क्रम में, सीबीएसई ने अपने सभी संबद्ध स्कूलों को एक परिपत्र जारी कर परिसर में ‘तेल बोर्ड’ स्थापित करने के लिए कहा है। इन बोर्डों का उद्देश्य छात्रों को अत्यधिक तेल के सेवन से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में शिक्षित करना है, ताकि कम उम्र से ही बच्चों में मोटापे की समस्या से निपटा जा सके। हाल के आंकड़ों का हवाला देते हुए, सीबीएसई के परिपत्र में कहा गया है की, एनएफएचएस-5 (2019-21) के अनुसार, शहरी भारत में पाँच में से एक से ज़्यादा वयस्क अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हैं। 2025 में प्रकाशित लैंसेट ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज (जीबीडी) 2021 मोटापा पूर्वानुमान अध्ययन में आगे अनुमान लगाया गया है कि, भारत में अधिक वजन और मोटापे से ग्रस्त वयस्कों की संख्या 2021 में 18 करोड़ से बढ़कर 2050 तक 44.9 करोड़ हो जाएगी, जिससे भारत दुनिया में मोटापे के मामले में दूसरे नंबर पर आ जाएगा।

बढ़ता संकट, देशव्यापी प्रतिक्रिया…

सीबीएसई के निर्देश में यह भी बताया गया है कि, कैसे खराब खान-पान की आदतें और कम शारीरिक गतिविधि बच्चों में मोटापे के प्रमुख कारण हैं। ये नवीनतम उपाय केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के जून के प्रस्ताव के बाद आए हैं, जिसमें सरकारी विभागों, कार्यालयों और स्वायत्त निकायों से पिज्जा, बर्गर, समोसे, वड़ा पाव और कचौड़ी जैसे आम खाद्य पदार्थों में तेल और चीनी की मात्रा को प्रमुखता से प्रदर्शित करने का आग्रह किया गया था। शीर्ष चिकित्सा संस्थानों, शैक्षिक बोर्डों और सरकारी विभागों को एक साथ लाकर, यह पहल जन जागरूकता बढ़ाने और विभिन्न आयु समूहों और क्षेत्रों में स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करती है।

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