केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर के भारत रत्न सी. सुब्रमण्यम सभागार में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की 96वीं वार्षिक आम बैठक की अध्यक्षता की।
इस बैठक में 18 से ज्यादा केंद्रीय एवं राज्य मंत्री शामिल रहें। कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह, मत्स्य पालन, पशुपालन व डेयरी राज्य मंत्री एस. पी. बघेल, मत्स्य पालन, पशुपालन व डेयरी राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन, अरुणाचल के कृषि, मत्स्य पालन, पशुपालन, बागवानी मंत्री ग्रेबियल डी. वांगसू, बिहार के उप मुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा, बिहार की पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री रेनू देवी, मध्य प्रदेश के बागवानी, खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा, मिजोरम के कृषि मंत्री पी. सी. वनलालरुआता, हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण व पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री श्याम सिंह राणा, उत्तर प्रदेश के पशुपालन व डेयरी विकास मंत्री धर्मपाल सिंह, कर्नाटक के कृषि मंत्री एन. चेलुवरिया स्वामी, उत्तर प्रदेश के कृषि, शिक्षा, कृषि अनुसंधान मंत्री सूर्यप्रताप शाही, ओडिशा के मत्स्य, व पशु संसाधन विकास विभाग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गोकुलानंद मलिक, मध्य प्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री अदल सिंह कंसाना, महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिराव कोकाटे एवं कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी उपस्थित थे।
इस बैठक में आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. एम. एल. जाट ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वार्षिक प्रतिवेदन 2024-2025 का प्रस्तुतीकरण एवं अंगीकृत करने हेतु संकल्प पढ़ा। इसके बाद आईसीएआर के वित्तीय सलाहकार द्वारा वर्ष 2023-24 के लिए लेखा परीक्षक की रिपोर्ट के साथ वार्षिक लेखा का प्रस्तुतीकरण दिया गया और इसे अंगीकृत करने हेतु संकल्प पढ़ा गया। बैठक में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की वार्षिक रिपोर्ट 2024-25 जारी की गई। साथ ही कृषि एवं प्रौद्योगिकी संबंधित चार पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। इसके तत्पश्चात् सभी मंत्रियों ने बैठक को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने भारत के खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि और कृषि क्षेत्र में तेजी से हो रही प्रगति को लेकर प्रसन्नता जाहिर की। बैठक में सभी मंत्रियों ने एकस्वर में भविष्य में खेती और किसान समृद्धि की दिशा में एकजुट होकर सार्थक प्रयास करने की प्रतिबद्धता भी जताई। बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री ने फसल औषधि केंद्र के विचार को आगे बढ़ाने की भी बात की। साथ ही विभिन्न राज्यों के मंत्रियों से प्रसांगिक योजनाओं को जारी रखने और अप्रासंगिक योजनाओं को खत्म करने और नई योजनाओं के शुरू होने को लेकर सुझाव भी आमंत्रित किएं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि योजनाओं का वास्तविक लाभ किसानों को मिल रहा है या नहीं, इसका निरीक्षण बेहद जरूरी है।