कोल्हापुर : चीनी मंडी
एफआरपी और अन्य सरकारी लंबित बकाया के कारण, कोल्हापुर और सांगली जिलों में 14 चीनी मिलों के पेराई लाइसेंस ‘पेंडिंग’ है। स्वाभिमानी शेतकरी संघठन ने भुगतान में विफ़ल मिलों को पेराई लाइसेंस देने पर आपत्ति जताई है, और तो और संगठन ने उन मिलों को गन्ना नही भेजने का आवाहन किसानों को किया हैं। इनमें से कुछ मिलों के पास पिछले सीजन का लगभग 73 करोड़ रुपये एफआरपी बकाया है। इसके अलावा, कुछ मिलों द्वारा 2016 -2017 के मौसम की एफआरपी राशि बकाया है। इसकी सूचना चीनी आयुक्त कार्यालय को भेज दी गई है।
23 तारीख को स्वाभिमानी शेतकरी संघठन का राज्यस्तरीय गन्ना सम्मेलन है। 25 तारीख को गन्ने के दामों पर चर्चा करने के लिए मिलर्स और स्वाभिमानी शेतकरी संघठन की फिर से बैठक होगी। कुछ मिलों ने पेराई मौसम शुरू किया है। उन्होंने पेराई के अनुमति के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था और कई को लाइसेंस मिला है। चीनी आयुक्त कार्यालय ने भुगतान में नाकाम मिलों के पेराई लाइसेंस प्रस्ताव लंबित किया है।
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