लखनऊ (उत्तर प्रदेश) : प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त प्रमोद कुमार उपाध्याय ने गन्ना मूल्य भुगतान में विफल छह चीनी मिलों के विरुद्ध वसूली प्रमाण-पत्र (आरसी) जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि, किसानों को समयबद्ध भुगतान कराना शासन की प्राथमिकता है। भुगतान में हो रही देरी के चलते बरखेड़ा (पीलीभीत), मकसूदापुर (शाहजहांपुर), बहेड़ी और नवाबगंज (बरेली), कुन्दरखी (गोण्डा) और मलकपुर (बागपत) के खिलाफ आरसी कार्रवाई की गई है।
ETV भारत में प्रकाशित खबर के अनुसार, गन्ना आयुक्त ने कहा कि वसूली प्रमाण-पत्र जारी किए जाने के बाद संबंधित जिला प्रशासन अब भू-राजस्व की भांति वसूली कर सकेगा, जिससे किसानों को उनका बकाया शीघ्र प्राप्त हो सकेगा। साथ ही उन्होंने यह भी संकेत दिया कि, जो मिलें भुगतान में लगातार लापरवाही बरत रही हैं, उनके आगामी पेराई सत्र के लिए गन्ना क्षेत्रफल के पुनर्निधारण पर भी विचार किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि, पेराई सत्र 2024-25 में प्रदेश की 122 संचालित चीनी मिलों में से 65 मिलें शत-प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान कर चुकी हैं, जबकि 22 मिलों द्वारा 84 प्रतिशत से अधिक भुगतान किया जा चुका है। गन्ना मूल्य भुगतान की स्थिति की दैनिक मॉनिटरिंग मुख्यालय स्तर से की जा रही है।