बरेली : सहकारी गन्ना विकास समिति की वार्षिक बैठक में केसर चीनी मिल को गन्ना सप्लाई न करने का ऐलान किया गया। किसानों का प्रतिनिधित्व कर रहे बोर्ड ने दूसरी चीनी मिलों को गन्ना खरीद केंद्र आवंटित करने को हरी झंडी दी।अमर उजाला में प्रकाशित खबर के अनुसार, केसर चीनी मिल पर क्षेत्र के किसानों का 166 करोड़ रुपये गन्ना मूल्य भुगतान का बकाया है। बैठक में गन्ना समिति बोर्ड के अध्यक्ष, डायरेक्टर, डेलीगेट सदस्यों ने सचिव से बकाया भुगतान दिलाने की मांग की।
भुगतान में विफलता के चलते सभी किसानों ने मीरगंज, पीलीभीत, सितारगंज, फरीदपुर और बहादुरपुर की चीनी मिलों को गन्ना खरीद केंद्र आवंटित करने की मांग की। केसर चीनी मिल के महाप्रबंधक रविंद्र सिंह ने कहा कि, अक्टूबर के मध्य तक 100 करोड़ का भुगतान हो जाएगा। इस पर किसानों ने हंगामा कर दिया। गन्ना समिति के अध्यक्ष राजू गंगवार ने बैठक के समापन की घोषणा की।इस बीच, सांसद छत्रपाल सिंह ने चीनी मिल प्रबंधन पर किसानों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बोर्ड अपनी रिपोर्ट बनाकर गन्ना आयुक्त और शासन को भेजे।