बिजनौर (उत्तर प्रदेश): जिले के किसान पिछले कुछ सालों तक फायदेमंद साबित हुई गन्ने की 0238 प्रजाति से अब दुरी बनाते नजर आ रहे है। हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के अनुसार, 0238 गन्ना प्रजाति 97 प्रतिशत से सिमटकर जिले में 41 प्रतिशत पर पहुंच गई है। जिले में पेड़ी और पौधा मिलाकर 41 प्रतिशत रकबे में 0238 गन्ना है। 0238 प्रजाति को पिछले कुछ सालों से बिमारियों ने घेर लिया है, और इससे उत्पादन घटने के साथ साथ किसानों बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। राज्य सरकार और गन्ना विभाग ने किसानों को अब इस फसल से दुरी बनाने की सलाह दी है। गन्ना विभाग और चीनी मिलों ने गांव गांव जाकर किसानों को जागरुक किया और बड़ी संख्या में 0238 का रकबा बदलवा दिया।
आपको बता दे की, 0238 गन्ना प्रजाति के जनक बख्शी राम है। उत्तर प्रदेश में गन्ने की यह प्रजाति 2009 में रिलीज हुई । प्रचार प्रसार होने के बाद किसानों ने 2015-16 में युद्ध स्तर पर इसकी बुवाई शुरु की। टिलरिंग अच्छी है । बढ़वार अच्छी है । वजन और रिकवरी अच्छी है। किसान के लिए इससे अच्छी प्रजाति अभी तक नहीं आई। यह गन्ना प्रजाति किसानों को इतनी पसंद आई कि 0238 का रकबा जिले में 97 प्रतिशत पर पहुंच गया था और अन्य 3 प्रतिशत में अन्य गन्ना प्रजाति थी। थोड़ी सी मेहनत करने पर किसान के खेत में 90 से 100 कुंतल प्रतिबीघा उत्पादन आसानी से निकल जाता है, लेकिन रेड रॉट से लेकर अन्य बीमारियों से किसानों को नुकसान होने लगा था। किसान अब इस प्रजाति से दुरी बनाते नजर आ रहे है।