नेपाल में सरकार व मिलों के खिलाफ फिर से बड़ा आंदोलन करेंगे गन्ना किसान

कठमांडू: नेपाल सरकार और चीनी मिलों से अपना बकाया तय समय-सीमा के एक हफ्ते बाद भी नहीं मिलने से नाराज़ गन्ना किसानों ने फिर से आंदोलन करने की चेतावनी दी है। मिलों ने 1 बिलियन रुपये की बकाया राशि किसानों को नहीं दी और न ही सरकार से 1.20 बिलियन रुपये की सब्सिडी किसानों को जारी की गई है।

बीते दिसंबर में गन्ना किसानों ने राजधानी में बड़ा आंदोलन किया था, जिसके बाद मिलों ने 21 जनवरी तक बकाया चुकाने का वादा किया। लेकिन मिलों ने अब तक पूरा भुगतान नहीं किया, जिससे किसानों की स्थिति दयनीय हो गई है। गन्ना किसान कार्रवाई समिति ने नेपाल सरकार और चीनी मिलों पर किसानों को धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि पिछला बकाया देने के नाम पर किसानों को अपना गन्ना बेईमान चीनी मिलों को बेचने पर मजबूर किया जाता है। महालक्ष्मी चीनी मिल और अन्नपूर्णा चीनी मिल पर ही सरलाही जिले के किसानों के 560 मिलियन रुपये बकाया हैं। सरकार से सब्सिडी के 280 मिलियन रुपये भी किसानों को नहीं मिले। समिति ने किसानों की दुर्दशा के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि आंदोलन फिर से शुरू करने के लिए शनिवार को किसानों की बैठक बुलाई गई है।

इस बीच, उद्योग, वाणिज्य और आपूर्ति मंत्रालय ने कहा है कि वह किसानों का बकाया चुकाने के लिए चीनी मिलों पर दबाव डालने के साथ ही सरकारी सब्सिडी भी जारी करने के प्रयास कर रहा है। बताते चलें कि श्रीराम मिल ने अचल संपत्तियां बेचकर भुगतान करने की बात कही है, वहीं अन्नपूर्णा मिल नेपाल बिजली प्राधिकरण से भुगतान मिलने पर ही किसानों को भुगतान करेगी। उधर, महालक्ष्मी मिल ने करीब आधी बकाया राशि को मंजूरी देते हुए शेष बकाया जल्द चुकाने की बात कही है।

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