सांगली: एथेनॉल उत्पादन चीनी उद्योग को मुनाफे की और ले जाएगा, यह कई बार उद्योग से जुड़े दिग्गजों ने दोहराया है। महाराष्ट्र के सांगली में एक सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि, चीनी उद्योग को अपने उत्पादन में विविधता लानी चाहिए और आर्थिक रूप से व्यवहार्य बने रहने के लिए एथेनॉल पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री पवार ने कहा, चीनी उद्योग को केवल चीनी उत्पादन पर नहीं, बल्क़ि एथेनॉल उत्पादन पर भी ध्यान देना चाहिए।
एथेनॉल उत्पादन के चलते चीनी मिलों की राजस्व की समस्या काफी हदतक कम हो सकती है, और इससे गन्ना किसानों को भी लाभ के अवसर प्राप्त हो सकते है। पवार ने कहा कि, केंद्र सरकार ने भी एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक नीति की घोषणा की है। सरकार की यह निति चीनी उद्योग के लिए काफी कारगर साबित हो सकती है। अगर चीनी मिलें एथेनॉल उत्पादन की ओर मुड़ें, तो वे गन्ना उत्पादकों को एकमुश्त भुगतान करने में भी सक्षम हो सकती है। पवार ने कहा, केवल चीनी उत्पादन करने पर उसे एक साल (बेचने से पहले) के लिए स्टॉक करना पड़ता है, और इस बीच ऋण राशि और ब्याज बोझ में इजाफा होता है। जबकि एथेनॉल बिक्री से भुगतान दो महीने में वसूल किया जा सकता है।
आपको बता दे, एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए देश के कई राज्यों ने कदम उठाये है। केंद्र सरकार का लक्ष्य है की 2025 तक 20 प्रतिशत एथेनॉल सम्मिश्रण तक पंहुचा जा सके, जिसे पूरा करने के लिए सभी एथेनॉल उत्पादक राज्य सकारात्मक कदम उठा रहे है।


















