कोल्हापुर: केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि, रूसी वैज्ञानिकों की मदद से सरकार पेट्रोल और एथेनॉल के कैलोरी मान ( calorific value) को बराबर करने में सफल रही है और इसलिए पेट्रोल और एथेनॉल का ईंधन के रूप में उपयोग करने वाले वाहनों का औसत समान होगा। सोलापुर में एक कार्यक्रम में बोलते हुए गडकरी ने कहा, यह शोध रूस में किया गया है। इन वैज्ञानिकों को यहां आमंत्रित किया गया था और तीन महीने के परीक्षण के बाद, मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि रूसी वैज्ञानिकों द्वारा दिए गए फॉर्मूले के साथ पेट्रोल और एथेनॉल का कैलोरी मान समान है।
किसी ईंधन का ऊष्मा मान (heat value) उसके दहन के दौरान निकलने वाली ऊष्मा की मात्रा है और इसे ऊर्जा या ऊष्मीय मान (calorific value) कहा जाता है। गडकरी ने कहा कि, भारत में एथेनॉल के उपयोग में एक समस्या पेट्रोल की तुलना में इसका कम कैलोरी मान (calorific value) है। उन्होंने कहा कि, सरकार इस मुद्दे पर रूसी वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम कर रही है।
मंत्री गडकरी ने महाराष्ट्र में चीनी मिलों से शुगर सिरप से अधिक से अधिक एथेनॉल का उत्पादन करने और फ्लेक्स-फ्यूल इंजन के लिए ईंधन उपलब्ध कराने के लिए पेट्रोल पंप शुरू करने की अपील की। गडकरी ने दोहराया कि, कई दोपहिया कंपनियों ने फ्लेक्स इंजन वाले वाहन पेश किए हैं और अगले कुछ महीनों में केवल वैकल्पिक ईंधन पर चलने वाले वाहन भारतीय सड़कों पर दिखेंगे। गडकरी ने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में हरित हाइड्रोजन का उपयोग कई गुना बढ़ जाएगा। गडकरी ने कहा कि वह हाइड्रोजन से चलने वाली कार का उपयोग कर रहे हैं।















