नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने 2025-26 पेराई सीजन के लिए गन्ने के उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) में 15 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि को मंजूरी दी है। आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) की आज हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस वृद्धि के साथ, नया एफआरपी 355 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है, जो मौजूदा 340 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 10.25% चीनी रिकवरी दर पर आधारित है। यह कदम देश भर के गन्ना किसानों की मांग के बाद उठाया गया है, जिसमें ईंधन की कीमतों, श्रम व्यय और मिलों से भुगतान में देरी सहित बढ़ती इनपुट लागतों के कारण एफआरपी में वृद्धि की मांग की गई थी।
एफआरपी वह न्यूनतम मूल्य है जो चीनी मिलों को किसानों को उनके गन्ने के लिए देना होता है, जैसा कि उचित मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा तय किया जाता है। इस वृद्धि से किसानों को प्रत्यक्ष आर्थिक लाभ मिलने की उम्मीद है। हालांकि, इससे चीनी मिलों की उत्पादन लागत भी बढ़ सकती है, जिससे बाजार में चीनी की कीमत पर असर पड़ सकता है। इस बीच, चीनी मिलें परिचालन और खरीद लागत में वृद्धि का हवाला देते हुए सरकार से चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य (MSP) बढ़ाने का आग्रह कर रही हैं। केंद्र सरकार के इस फैसले का आगामी पेराई सत्र से पहले कृषि और चीनी उद्योग दोनों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की संभावना है।