सरकार को चीनी श्रमिकों के मुद्दों पर ध्यान देने की मांग

पुणे : महाराष्ट्र राज्य चीनी कामगार प्रतिनिधि मंडल के अध्यक्ष तात्यासाहेब काले ने चीनी श्रमिकों के लिए सातवें वेतन आयोग के कार्यान्वयन, तीन-स्तरीय समिति की नियुक्ति, श्रमिकों के बकाया वेतन और दैनिक वेतन आदि मुद्दों पर राज्य सरकार को तत्काल ध्यान देने की मांग की है।

वह सोमेश्वर नगर (तहसिल बारामती) में आयोजित पुणे जिला चीनी श्रमिक सम्मेलन में बोल रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्य सचिव शंकरराव भोसले ने की। इस अवसर पर कार्याध्यक्ष रावसाहेब पाटिल, रावसाहेब भोसले, युवराज रणवरे, नितिनार राजभर, डी.बी. मोहिते, राजेन्द्र तावरे, अशोक बिराजदार, सयाजी कदम, प्रदीप शिंदे, कैलास आवले, बालासाहेब काकड़े, पुरुषोत्तम परकाले और चीनी श्रमिक उपस्थित थे।

राज्य सचिव शंकरराव भोसले ने कहा, वर्तमान में वेतन वृद्धि समझौता समाप्त हो गया है और राज्य में चीनी श्रमिक काफी तनाव में है। राज्य में चीनी मिलों के पास अभी भी श्रमिकों का 450-500 करोड़ रुपये बकाया हैं और सरकार इन बातों पर ध्यान नहीं दे रही है। चीनी श्रमिकों के वेतन का भुगतान उसी तरह से किया जाना चाहिए जिस तरह से गन्ना उत्पादक को एफआरपी भुगतान करने के लिए मिले अलग से धन मुहैया कराते हैं। उन्होंने कहा की, केंद्र और राज्य सरकारों की गलत नीतियों के परिणामस्वरूप चीनी उद्योग संकट में फंस गया है। भाऊराव पाटिल ने कहा की, चीनी श्रमिकों के आंदोलन को तेज करने के लिए प्रत्येक जिले में बैठकों का आयोजन किया जा रहा है। अगर 15 दिसंबर के भीतर तीन-स्तरीय समिति की नियुक्ति नहीं की जाती है, तो चीनी श्रमिकों की ओर से आंदोलन किया जाएगा।

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