सरकार पीएम-आशा के माध्यम से किसानों को मूल्य समर्थन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध

भारत सरकार एकीकृत योजना प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) को लागू कर रही है, जिसमें मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस), मूल्य कमी भुगतान योजना (पीडीपीएस), बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) और मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) शामिल हैं। इस पहल का व्यापक उद्देश्य किसानों की कृषि उपज के लिए सुनिश्चित और लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करना है, जिससे उनकी आय की रक्षा हो और बाजार में उतार-चढ़ाव के खिलाफ उनकी आजीविका सुरक्षित रहे।

पीएसएस को तब लागू किया जाता है जब अधिसूचित दलहन और तिलहन तथा खोपरा के बाजार मूल्य चरम कटाई अवधि के दौरान अधिसूचित एमएसपी से नीचे चले जाते हैं, ताकि किसानों को लाभकारी मूल्य प्रदान किया जा सके।

सरकार ने ग्रीष्मकालीन फसल सीजन 2025-26 के लिए हरियाणा, उत्तर प्रदेश और गुजरात राज्यों में मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत कुल 54,166 मीट्रिक टन मूंग की खरीद को मंजूरी दी है।

इसी तरह, सरकार ने ग्रीष्मकालीन फसल सीजन 2025-26 के लिए उत्तर प्रदेश में मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत 50,750 मीट्रिक टन मूंगफली की खरीद को मंजूरी दी है।

इसके अलावा, केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बैठक में राज्य के किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए आंध्र प्रदेश में खरीद की अवधि को 26.06.25 तक 15 दिन और बढ़ाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है।

किसानों को प्रोत्साहित करने और आयात पर देश की निर्भरता को कम करते हुए दालों के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिए, सरकार ने खरीद वर्ष 2024-25 के लिए संबंधित राज्य के उत्पादन के 100% तक पीएसएस के तहत तुअर (अरहर), उड़द और मसूर की खरीद की अनुमति दी है। इसके अलावा, केंद्रीय बजट 2025 में, सरकार ने इस पहल को अतिरिक्त चार वर्षों, 2028-29 तक जारी रखने की घोषणा की, जिसमें इन दालों की खरीद राज्य के उत्पादन के 100% तक केंद्रीय नोडल एजेंसियों, अर्थात् NAFED और NCCF के माध्यम से की जाएगी, जिसका उद्देश्य दाल उत्पादन में राष्ट्रीय आत्मनिर्भरता प्राप्त करना है।

(Source: PIB)

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