श्रीलंका सरकार की स्थानीय स्तर पर उत्पादित ब्राउन शुगर को निर्यात करने की योजना

कोलंबो : श्रीलंका के उद्योग एवं उद्यमिता विकास मंत्री सुनील हंडुनेट्टी ने कहा कि, सरकार स्थानीय स्तर पर उत्पादित ब्राउन शुगर को निर्यात करने की योजना बना रही है, ताकि स्थानीय चीनी मिलों का राजस्व बढ़ाया जा सके और इस तरह कर्मचारियों तथा चीनी मिल मालिकों की सुरक्षा की जा सके। उन्होंने सरकारी सूचना विभाग में एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि, स्थानीय स्तर पर उत्पादित ब्राउन शुगर पर आईएमएफ की शर्त के अनुसार 18 प्रतिशत वैट लगाया जाता है, जबकि आयातित सफेद चीनी वैट मुक्त है। मंत्री ने कहा कि, स्थानीय स्तर पर उत्पादित ब्राउन शुगर की कीमत फैक्ट्री में 236 रुपये प्रति किलो है और आयातित सफेद चीनी की कीमत सीमा शुल्क विभाग में केवल 132 रुपये प्रति किलो है और 50 रुपये कर लगाया जाता है। लेकिन कोई वैट नहीं लगाया जाता है। उन्होंने कहा कि, मंत्रालय ने वैट कम करने के लिए वित्त मंत्रालय से कई बार अनुरोध किया, लेकिन आईएमएफ की शर्तों के कारण यह संभव नहीं हो सका।

मंत्री सुनील हंडुनेट्टी ने कहा कि, मंत्रालय चीनी मिलों के राजस्व को बढ़ाने के लिए विकल्पों की तलाश कर रहा है ताकि मिलों, उनके कर्मचारियों और चीनी मिलों के मालिकों की सुरक्षा की जा सके। उन्होंने कहा कि, मंत्रालय राजस्व बढ़ाने के लिए चीनी निर्यात करने पर विचार कर रहा है क्योंकि स्थानीय स्तर पर उत्पादित ब्राउन शुगर में जैविक प्रतिशत अधिक होता है।हमारी स्थानीय चीनी में जैविक प्रतिशत अधिक होता है क्योंकि हम चीनी की खेती के लिए कम उर्वरक का उपयोग करते हैं। हमने अपनी चीनी को समृद्ध जैविक चीनी के रूप में निर्यात करने के लिए कई देशों के साथ चर्चा की है। उन्होंने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें अपनी स्वस्थ चीनी का निर्यात करना पड़ता है और अस्वस्थ सफेद चीनी का आयात करना पड़ता है। लेकिन, हमें उद्योग, कर्मचारियों और चीनी किसानों के हित में यह निर्णय लेना होगा। हमें उद्योग को तब तक संरक्षित करने की आवश्यकता है जब तक हम वैट को कम नहीं कर सकते और स्थानीय बाजार में कम दरों पर चीनी उपलब्ध नहीं करा सकते।

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