सूरत : केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ‘विकसित कृषि संकल्प’ अभियान के तहत बारडोली में किसान संवाद सहित कई कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए गुरुवार को सूरत पहुंचे। अपनी यात्रा के दौरान, वे गुजरात के बारडोली में किसानों से बातचीत करेंगे और उनकी व्यावहारिक समस्याओं पर चर्चा करेंगे। इससे पहले, वे व्यक्तिगत रूप से उनकी बात सुनने के लिए किसान चौपाल में शामिल होंगे।
इस बीच, बुधवार को, चौहान ने दिल्ली के तिगीपुर गांव में आयोजित ‘किसान चौपाल’ कार्यक्रम के दौरान किसानों से बातचीत की और किसानों के प्रति अपनी गहरी प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा कि, किसानों की सेवा करना उनके लिए भगवान की सेवा करने जैसा है। कार्यक्रम में बोलते हुए, मंत्री ने कहा कि किसानों की सेवा करना उनके लिए भगवान की सेवा करने जैसा है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि वे देशभर के किसानों के बीच जाकर उनसे संवाद कर रहे हैं।
मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के समाप्त होने के साथ ही इसने भारत की कृषि नीति की दिशा में “एक नई शुरुआत” की है।यह कार्यक्रम राष्ट्रव्यापी ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के हिस्से के रूप में आयोजित किया गया था, जिसका आज समापन हो रहा है।कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार, 15 दिवसीय यह अभियान 29 मई को ओडिशा में शुरू हुआ था। इस राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत शिवराज सिंह चौहान ने ओडिशा, जम्मू, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, पंजाब, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना और दिल्ली के किसानों से संवाद किया है।
इस कार्यक्रम के दौरान देशभर से 16 हजार वैज्ञानिकों की 2170 टीमें वर्चुअली जुड़ेंगी। अब तक ये टीमें विकसित कृषि संकल्प अभियान कार्यक्रम के जरिए एक करोड़ आठ लाख किसानों तक पहुंच चुकी हैं। इस कार्यक्रम के जरिए किसानों को उनके क्षेत्र विशेष की जरूरतों, जलवायु परिस्थितियों, मिट्टी की उर्वरता क्षमता और अन्य कारकों को ध्यान में रखते हुए उन्नत कृषि के लिए शोध की जानकारी दी जा रही है। इसके साथ ही किसानों की व्यावहारिक समस्याओं और जरूरतों को सुनने और उनका समाधान खोजने का भी प्रयास किया जा रहा है ताकि भविष्य के कृषि अनुसंधान की दिशा और नीतियां तय की जा सकें।