हापुड़ (उत्तर प्रदेश) : जिलें में आगामी पेराई सीजन की तैयारी शुरू हो चुकी है, मिलों में मरम्मत का कार्य तेजी से शुरू है।अमर उजाला में प्रकाशित खबर के अनुसार, जिले में इस बार अक्तूबर के अंत या नवंबर के पहले सप्ताह में चीनी मिल चालू हो सकते हैं। गन्ना सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार इस साल रकबे में करीब 551 हेक्टेयर की बढ़ोतरी हुई है।
पिछले कुछ सालों से गन्ने की को-0238 प्रजाति में बीमारी के चपेट आई है, इसलिए किसान इससे दुरी बनाते नजर आ रहे है। इसके स्थान पर चार नई प्रजातियों का गन्ना उगाया गया है। हालांकि को-0238 में इस वर्ष भी रोग का प्रकोप है, बरसात के बाद असर अधिक हुआ है। गन्ना विभाग भी किसानों को को-0238 की जगह अन्य प्रजाति का इस्तेमाल करने के लिए जागृत कर रहा है। हालांकि, मिलों द्वारा भुगतान में देरी बड़ी समस्या है, और देरी से किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
हापुड़ समेत आसपास के जिलों में क्रेशरों की भरमार है, जो किसानों से नकद में गन्ना खरीद करते हैं। चीनी मिलों के पहले क्रेशरों को चलाने की तैयारी शुरू है। गेहूं बुवाई के लिए समय से खेत खाली करने के लिए किसान क्रेशरों पर बड़ी मात्रा में गन्ना की आपूर्ति करने की संभावना है। जिला गन्ना अधिकारी बीके पटेल ने कहा की, जिले में गन्ना सर्वेक्षण का कार्य पूरा हो गया है, इस साल 39847 हेक्टेयर रकबे में गन्ने की फसल है। 19069 हेक्टेयर में पौधा और 20771 हेक्टेयर में पेड़ी गन्ना की बुवाई की गई है।