करनाल: हरयाणा के करनाल गन्ना प्रजनन संस्थान के वैज्ञानिकों ने एक उच्च-शर्करा और उपज वाले गन्ने की co -15023 किस्म विकसित की है। उत्तर पश्चिम क्षेत्र में वाणिज्यिक खेती के लिए यह किस्म जारी की गई है। वैज्ञानिकों ने दावा किया कि, अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (AICRP) परीक्षण और विभिन्न चीनी मिलों में संस्थान उद्योग इंटरफ़ेस कार्यक्रम के तहत किस्म का परीक्षण किया गया है।
AICRP परीक्षणों में, इसने आठवें महीने के दौरान अन्य मानक किस्म के 5.92 प्रतिशत से 9.12 प्रतिशत तक सुधार दर्शाया। इसके अलावा, 10 महीनों के दौरान यह 5.78 प्रतिशत से बढ़कर 7.93 प्रतिशत हो गया। वैज्ञानिकों ने दावा किया कि, यह प्रति हेक्टेयर 89.49 टन गन्ने, 19.41 प्रतिशत रस सूक्रोज और 14.93 किलोग्राम चीनी उत्पादन दर्ज किया गया। करनाल केंद्र के प्रमुख डॉ एसके पांडे ने कहा कि, अंचल के किसान कई रबी फसलें ले सकते हैं और गेहूं की बुवाई भी समय पर कर सकते हैं।कोयम्बटूर स्थित गन्ना प्रजनन संस्थान के निदेशक डॉ बख्शी राम ने कहा कि, किसानों की आय में वृद्धि होगी। देश के गन्ने और चीनी क्षेत्र के सतत विकास में विविधता एक प्रमुख भूमिका निभाएगी।