हिमाचल प्रदेश: ऊना में गन्ने की खेती में गिरावट, किसानों ने बनाई दूरी

ऊना : ऊना जिले में किसान गन्ने की खेती से दूरी बना रहे है। आपको बता दे की, कभी ऊना जिला में करीब 1000 हेक्टेयर में गन्ना उगाया जाता था, अब यही फसल घटकर 130 से 140 हेक्टेयर के आसपास रह गई है। अमर उजाला में प्रकाशित खबर के अनुसार, गन्ने के स्थान पर गेहूं मक्की आलू जैसी फसलें और सब्जियां उगाना भी एक बेहतर विकल्प बन चुका है। ऊना के हरोली क्षेत्र के बीत इलाके में गन्ना बड़ी मात्रा में उगाया जाता था। हालांकि, सिंचाई सुविधा बढ़ने पर किसानों ने इस फसल से हाथ खींच लिए।

किसान लक्ष्मण दास, मुख्त्यार चंद, अमरीक सिंह, वीरेंद्र कुमार, राजेंद्र कुमार, सुशील सैनी सहित अन्य ने बताया कि आलू, गेहूं, मक्का जैसी फसलें दो से छह महीने में तैयार होती है। जबकि गन्ने को तैयार करने में एक साल तक का समय लगता है। यही नहीं गन्ने को सीधा बेचने के लिए पंजाब की शुगर मिल जाना पड़ता है। जबकि इससे शक्कर तैयार करने की प्रक्रिया भी काफी पेचीदा रहती है। इस फसल से आय भी उम्मीद मुताबिक नहीं होती, जबकि गेहूं, मक्का और आलू, हरी सब्जियों से अच्छी आई होती है और उसमें समय सीमा भी कम लगती है। उपनिदेशक कृषि विभाग कुलभूषण धीमान ने कहा कि, सिंचाई सुविधा बढ़ाने पर किसानों ने गन्ने जैसी फसलों की जगह अब कम समय सीमा में तैयार होने वाली फसलों की ओर अधिक ध्यान दे रहे हैं।

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