गन्ना किसानों से राज्य सरकार और कितना वसूलेगी? : राजू शेट्टी का सवाल

कोल्हापुर (महाराष्ट्र): राज्य के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है। बाढ़ प्रभावित किसानों की ओर से मदद की माँग की जा रही है। वहीं, मंगलवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई बैठक में गन्ना किसानों से 5 रुपये प्रति टन और मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए 10 रुपये प्रति टन की कटौती करने का निर्णय लिया गया। सरकार के इस फैसले से गुस्साए स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के नेता और पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने, ‘सरकार गन्ना किसानों से और कितना वसूलेगी? यह सवाल पूछा है।

आपको बता दे की, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में मंगलवार को गन्ना पेराई संबंधी मंत्रिपरिषद की बैठक हुई। इस बैठक में 1 नवंबर से गन्ना पेराई सत्र शुरू करने का निर्णय लिया गया। इस दौरान, बाढ़ प्रभावित किसानों की मदद के लिए गन्ना किसानों से 15 रुपये प्रति टन की कटौती करने का भी निर्णय लिया गया। अब तक गन्ना पेराई सत्र के दौरान मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए किसानों से 5 रुपये प्रति टन की कटौती की जाती थी। हालांकि, इस वर्ष भारी बारिश और बाढ़ के मद्देनजर इसे तीन गुना बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। राज्य सरकार के इस फैसले से गन्ना किसानों में काफी आक्रोश हैं।

पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने कहा, राज्य सरकार को ऐसा निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं है। सरकार लगातार गन्ना किसानों के खिलाफ काम कर रही है, और चीनी मिलों के पक्ष में फैसले ले रही है। उच्च न्यायालय ने एफआरपी को लेकर आदेश दिया है, राज्य सरकार इस आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील कर रही है। वह इस आदेश पर रोक लगाने की मांग कर रही है। ऐसा लगता है कि राज्य सरकार किसानों के खिलाफ है। क्या अब सरकार को कटौती बढ़ाने का नैतिक अधिकार है?। राजू शेट्टी ने कहा, भारी बारिश से गन्ना किसान भी प्रभावित हुए हैं, प्रति एकड़ दस से बारह टन की कमी आई है।यदि राज्य सरकार भारी बारिश से प्रभावित किसानों की मदद करने में सक्षम नहीं है, तो अन्य किसानों से इसे लेना और उन्हें देना उचित नहीं है।

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