पटना : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के तहत अभियान के पांचवें दिन बिहार के पूर्वी चंपारण के पिपराकोठी स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में किसानों से बातचीत की। ओडिशा, जम्मू, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों से बातचीत करने के अपने निरंतर प्रयासों के बाद चौहान ने आज बिहार के कृषक समुदाय से बातचीत की।
चौहान ने इस बात पर प्रकाश डाला कि, प्रधानमंत्री की प्रभावी नीतियों के कारण बिहार में मक्के की खेती में उछाल आया है। एथेनॉल उत्पादन शुरू होने से मक्के की मांग और कीमतों में वृद्धि हुई है। जहां कभी मक्के की कीमत 1200-1500 रुपये प्रति क्विंटल हुआ करती थी, वहीं अब कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। पैदावार में भी सुधार हुआ है – पहले जहां 23-24 क्विंटल प्रति हेक्टेयर पैदावार होती थी, वहीं अब यह 50-60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो गई है।
मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्वी चंपारण के पिपराकोठी को पवित्र भूमि बताया और इस बात पर जोर दिया कि इसी धरती से महात्मा गांधी ने दुनिया को सत्याग्रह और अहिंसा का संदेश दिया था। उन्होंने इस क्षेत्र के प्रति गहरी श्रद्धा व्यक्त की और कहा कि महात्मा गांधी के आदर्शों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कृषि विज्ञान केंद्र की स्थापना समेत कई पहलों ने यहां कृषि उन्नति में योगदान दिया है। उन्होंने याद दिलाया कि, जब अंग्रेजों ने स्थानीय किसानों पर अत्याचार किए तो यह भूमि न्याय की लड़ाई का मैदान बन गई थी और यहां से गांधीजी के आंदोलन ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम की नींव रखी।
मंत्री चौहान ने इस बात पर जोर दिया कि, कृषि मंत्री का सही अर्थ किसानों का सबसे बड़ा सेवक होना है। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान इसकी आत्मा हैं। उन्होंने कहा कि, प्रधानमंत्री के विकसित भारत के सपने को विकसित कृषि और समृद्ध किसानों के जरिए ही साकार किया जा सकता है और इस मिशन में सामूहिक प्रयास जरूरी है। इस दौरान उन्होंने खास तौर पर लीची उत्पादकों से बातचीत की, जिन्होंने 48 घंटे के भीतर लीची के खराब होने और नुकसान होने की चिंता जताई। उन्होंने उन्हें भरोसा दिलाया कि, सरकार इस मुद्दे को सुलझाने के लिए ठोस कदम उठाएगी और आईसीएआर के वैज्ञानिकों को लीची की शेल्फ लाइफ बढ़ाने वाली तकनीक विकसित करने के लिए शोध करने का निर्देश दिया, ताकि किसानों को उचित मूल्य मिल सके। उन्होंने इस प्रयास को समर्थन देने के लिए कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं की संख्या बढ़ाने की भी बात कही।
नकली कीटनाशकों पर चिंताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, नकली कृषि रसायन बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि, किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। चौहान ने कहा कि, ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ कृषि में चमत्कार करने और अनुसंधान प्रयोगशालाओं और कृषि क्षेत्रों के बीच की खाई को पाटने की पहल है। अभियान के तहत 16,000 वैज्ञानिक अपनी प्रयोगशालाओं से निकलकर गांवों में किसानों से सीधे जुड़ने जा रहे हैं। इस कार्यक्रम में सांसद राधा मोहन सिंह, स्थानीय विधायक, वैज्ञानिक और सरकारी अधिकारियों के साथ बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए।
(Source: PIB)