पर्यावरण-अनुकूल ईंधन उत्पादन में भारत आत्मनिर्भर : सांसद बसवराज बोम्मई

हावेरी (कर्नाटक) : पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद बसवराज बोम्मई ने कहा की, एक समय आएगा जब भारत हरित ऊर्जा का निर्यात करेगा। हावेरी जिले के नेगलुरु गाँव में प्रभृति एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड की नई इकाई का उद्घाटन करने के बाद बोलते हुए, उन्होंने कहा कि, यह प्लांट किसानों के लिए वरदान है। जैसे कृष्णा नदी के किनारे स्थापित चीनी मिलों से कभी किसानों को लाभ हुआ था, आज हावेरी जिले को भी ऐसा ही लाभ मिला है।

उन्होंने कहा, लगभग चालीस साल पहले, संगुर में एक चीनी मिल का सपना हमारे बुजुर्गों ने देखा था, लेकिन इससे किसानों को ज्यादा फायदा नहीं हुआ। हावेरी जिले के हिरेकेरुर, ब्यादगी, रानेबेन्नुर और हावेरी तालुकों में लगभग 90% किसान मक्का उगाते हैं। किसानों को पानी की ज़रूरत होती है, और वे पानी में पसीना मिलाकर सुनहरी फसलें उगाते हैं। उस फसल को असली संपत्ति में बदलने के लिए, ऐसे कारखाने ज़रूरी हैं। अब, पाँच एथेनॉल प्लांट स्थापित किए गए हैं।

सांसद बोम्मई ने कहा कि, आने वाले दिनों में तकनीक और सरकारी नीतियों की बदौलत हावेरी जिले में आर्थिक विकास देखने को मिलेगा। ब्राजील में एथेनॉल तकनीक बहुत पहले शुरू हो गई थी। वहाँ गन्ने से लगभग 80 उप-उत्पाद बनाए जाते हैं और ब्राज़ील की पूरी अर्थव्यवस्था चीनी मिलों पर निर्भर है। उन्होंने कहा, पूर्व मंत्री मुरुगेश निरानी इस क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं और उन्होंने बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू कर दिया है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि, इस प्लांट का निर्माण हमारे किसानों ने स्वयं इसी तकनीक का उपयोग करके किया है। आठ युवा उद्यमियों ने इसे स्थापित किया है। इस तरह का पहला कारखाना शिग्गांव निर्वाचन क्षेत्र में शुरू किया गया था और पिछले चार-पाँच वर्षों से यह सफलतापूर्वक चल रहा है। अब, वरदा और तुंगभद्रा नदियों के किनारे कारखाने खुल रहे हैं। खास बात यह है कि, यह कारखाना केवल गन्ने पर निर्भर नहीं है—यह मक्का और चावल का उपयोग करके भी एथेनॉल का उत्पादन करता है।

चूँकि इस क्षेत्र के किसान मक्का की भरपूर खेती करते हैं, इसलिए ऐसे कारखाने यह सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें अच्छी उपज मिले। किसानों को अब सीधा लाभ मिलेगा। एथेनॉल उत्पादन में भारी वृद्धि होनी चाहिए, क्योंकि इसमें अपार संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने जैव ईंधन नीति लागू की। शुरुआत में पेट्रोल में केवल 5% एथेनॉल मिलाया जाता था, अब यह बढ़कर 20 % हो जायेगा। उन्होंने कहा, 2026 तक, टोयोटा और सुजुकी जैसी कंपनियां 85% एथेनॉल और 15% पेट्रोल से चलने वाली कारें बना रही होंगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि भारत पर्यावरण-अनुकूल ईंधन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा। भविष्य में, एथेनॉल कंपनियों की मांग बहुत ज्यादा होगी। इस अवसर पर कारखाना मालिक एवं पूर्व विधायक विरुपक्षप्पा बल्लारी, पूर्व मंत्री बी.सी. पाटिल, पूर्व विधायक शिवराज सज्जन, वडनल राजन्ना, वी.एस. पाटिल और उद्योगपति बी.सी. उमापति, संतोष पाटिल सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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