नई दिल्ली : सरकार चीनी निर्यात पर सब्सिडी का ऐलान करेगी ऐसी अटकले काफी दिनों से लगायी जा रही थी, लेकिन अब आखिरकार इसपर मुहर लग चूका है। केंद्र सरकार ने आज कैबिनेट मीटिंग में चीनी उद्योग को एक बड़ी राहत दी है। सरकार ने 60 लाख टन चीनी निर्यात करने के लिए सब्सिडी देने का फैसला किया है। ऐसी उम्मीद है की सरकार 60 लाख टन चीनी मिलों को उनके उत्पादन प्रतिशत के अनुसार आवंटित करेगी। इसपर 6268 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी।
देश चीनी अधिशेष से जूझ रहा है और इसलिए सरकार का मकसद चीनी निर्यात को बढ़ावा देना है। कैबिनेट ने चीनी सीजन 2019-20 के लिए चीनी मिलों को निर्यात करने के लिए 10,448 रुपए प्रति टन के हिसाब से सब्सिडी देने को मंजूरी दी है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमत में लगातार होने वाला बदलाव देश में चीनी उद्योग पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है। देश में चीनी मिलें दावा करती है उनकी औसत उत्पादन लागत लगभग 30 रुपये से ज्यादा है, जिससे उन्हें वैश्विक बाज़ारो में चीनी बेचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
चीनी निर्यात पर सब्सिडी देने का मकसद चीनी अधिशेष खपाना और किसानों के भारी भरकम गन्ना बकाए का भुगतान करने में चीनी मिलों का मदद करना है। आपको बता दे, चीनी निर्यात का पैसा कंपनी के खाते में नहीं बल्कि किसानों के खाते में जाएगा, और बाद में शेष राशि, यदि कोई हो, मिल के खाते में जमा की जाएगी।
हालही में सरकार ने चीनी अधिशेष को कम करने के मकसद से चीनी के बफर स्टॉक के निर्माण को मंजूरी थी। सरकार के इस कदम से चीनी मिलों को गन्ना किसानों का बकाया चुकाने में मदद मिल रही है।
सरकार ने चीनी उद्योग को राहत देने के लिए हर मुमकिन कोशिश की है, जिसमे सॉफ्ट लोन, निर्यात सब्सिडी और चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य में वृद्धि शामिल है।
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