नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि, अगले दो सालों में भारतीय सड़क बुनियादी ढांचा अमेरिका के बराबर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि, उनकी सरकार ने पिछले एक दशक में सड़कों और राजमार्गों पर खर्च बढ़ाया है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री गडकरी ने एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में यह पूछे जाने पर कि भारतीय सड़कों का चेहरा कब पूरी तरह बदल सकता है, उन्होंने कहा सवाल बदलाव का नहीं है, यह पहले ही बदल चुका है। आपने अभी-अभी समाचार देखा है, मुख्य तस्वीर अभी शुरू होनी है। पाइपलाइन में मौजूद परियोजनाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं। अगले दो सालों में आप देख पाएंगे कि भारतीय सड़क बुनियादी ढांचा अमेरिका के समान हो जाएगा।उन्होंने कहा, अमेरिका के कुछ लोग मुझसे मिले और उन्होंने कहा कि हमारा बुनियादी ढांचा अमेरिका से बेहतर है।
मंत्री ने कहा कि, उनकी सरकार द्वारा बनाई गई अच्छी सड़कों ने भारत में रसद लागत को कम किया है, साथ ही कहा कि इससे निर्यात प्रतिस्पर्धा में और सुधार होगा। उन्होंने कहा, यदि हम अपना निर्यात बढ़ाते हैं, तो इससे हमारे कृषि क्षेत्र, विनिर्माण और सेवाओं के साथ-साथ अन्य सभी क्षेत्रों में सुधार होगा। मंत्री गडकरी ने कहा कि, भारत में मुख्य चिंता 16 प्रतिशत की उच्च रसद लागत है, जबकि चीन में यह 8 प्रतिशत और अमेरिका और यूरोपीय देशों में 12 प्रतिशत है। उन्होंने कहा, हमारी सड़कें अच्छी नहीं थीं, हमारे बंदरगाह अच्छे नहीं थे। यातायात की भीड़ से लागत बढ़ गई।
गडकरी ने कहा कि, सड़कों में सुधार के साथ भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने रसद लागत को 9 प्रतिशत तक कम कर दिया है। उन्होंने दोहराया, यह कम लागत हमें निर्यात प्रतिस्पर्धी बनाएगी। आगामी कार्यों के बारे में बात करते हुए मंत्री ने कहा कि, 25 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, 3,000 किलोमीटर लंबा बंदरगाह संपर्क राजमार्ग और धार्मिक पर्यटन सर्किटों को जोड़ने वाली 1 लाख करोड़ रुपये की सड़कें चल रही हैं। उन्होंने बौद्ध सर्किटों और चार धामों को अच्छी ऑल-वेदर सड़कों से जोड़ने की बात कही। गडकरी ने कहा, हम जम्मू और श्रीनगर के बीच 36 सुरंगों का विकास कर रहे हैं; 23 का काम पूरा हो चुका है और 4-5 अन्य सुरंगों का काम चल रहा है। हम पर्वतमाला योजना के तहत 15 रोपवे विकसित कर रहे हैं, इसके अलावा 35 मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक पार्क भी हैं।
उन्होंने कहा, सार्वजनिक बुनियादी ढांचा आर्थिक विकास, कनेक्टिविटी, व्यापार और जीवन की समग्र गुणवत्ता को बढ़ाने की रीढ़ है। दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत ने पिछले एक दशक में बुनियादी ढांचे के विकास में उल्लेखनीय प्रगति की है। 2021 में शुरू की गई पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) को रेलवे और सड़क मार्ग सहित विभिन्न मंत्रालयों को एक साथ लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, ताकि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की एकीकृत योजना और समन्वित निष्पादन सुनिश्चित किया जा सके। भारत में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क है, और इसके राष्ट्रीय राजमार्ग लगभग 146,000 किलोमीटर की कुल लंबाई में फैले हैं, जो देश का प्राथमिक धमनी नेटवर्क बनाते हैं।
फरवरी 2025 की शुरुआत में मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, भारत का राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) नेटवर्क 2004 में 65,569 किलोमीटर से बढ़कर 2014 में 91,287 किलोमीटर और 2024 में 1,46,145 किलोमीटर हो जाएगा। चार या उससे अधिक लेन वाले राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 2014 में 18,371 किलोमीटर से 2.6 गुना बढ़कर 2024 में 48,422 किलोमीटर हो गई। ऑपरेशनल हाई-स्पीड कॉरिडोर 2014 में 93 किलोमीटर से बढ़कर 2024 में 2,138 किलोमीटर हो गए। राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण की गति 2014-15 में 12.1 किलोमीटर/दिन से 2.8 गुना बढ़कर 2023-24 में 33.8 किलोमीटर/दिन हो गई। (एएनआई)