मुंबई (महाराष्ट्र): भारतीय शेयर बाजार बुधवार को कंसोलिडेशन फेज़ में कारोबार करते रहे, और मामूली बढ़त के साथ सपाट खुले।वैश्विक घटनाक्रमों और आगामी घरेलू नीतिगत निर्णयों से बाजार की धारणा प्रभावित होने के कारण निवेशक सतर्क लेकिन आशावादी दिखाई दिए। निफ्टी 50 इंडेक्स 17.95 अंक या 0.07 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,560.45 पर खुला। इसी तरह, बीएसई सेंसेक्स भी सपाट शुरुआत करते हुए 40.14 अंक बढ़कर 80,777.65 पर खुला, जो 0.05 प्रतिशत की बढ़त है। सुबह 10:04 बजे, सेंसेक्स 116.62 अंक बढ़कर 80,854.13 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 34.50 अंक बढ़कर 24,577.00 पर कारोबार कर रहा था।
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि, भारतीय इक्विटी में सतर्क गति वैश्विक संकेतों और घरेलू प्रमोटरों द्वारा मुनाफावसूली का प्रतिबिंब है। बैंकिंग और बाजार विशेषज्ञ अजय बग्गा ने एएनआई को बताया, इस सप्ताह के अंत में व्यापार सौदों की घोषणा और ट्रम्प-शी के बीच बातचीत की उम्मीदें बढ़ रही हैं, जो व्यापार और शुल्कों पर अमेरिका-चीन के बीच कुछ नरमी के लिए मंच तैयार कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि, टैरिफ को लेकर चिंताओं के बावजूद अमेरिकी बाजार लगातार दूसरे सत्र में मजबूत बने हुए हैं, क्योंकि खुदरा निवेशक गिरावट पर खरीदारी जारी रखते हैं।
बग्गा ने बताया कि, भारतीय बाजार भी मिले-जुले संकेतों पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं। उन्होंने कहा, भारत में प्रमोटरों द्वारा 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की बिक्री देखी गई है, जो बाजार की धारणा के लिए थोड़ा निराशाजनक है। हालांकि, 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के बाजार में, यह समग्र परिप्रेक्ष्य में छोटा बदलाव है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) गतिविधि भी कमजोर रही है। ब्लॉक डील के कारण सप्ताह के पहले दो दिनों में एफपीआई संख्या नकारात्मक रही है, जो बाजारों के लिए एक बाधा बनी हुई है।