जकार्ता : उद्योग मंत्रालय का मानना है कि, पूर्वी जावा प्रांत में ईंधन में अनिवार्य 10 प्रतिशत बायोएथेनॉल मिश्रण (E10) के समर्थन में एथेनॉल प्लांट के निर्माण की अपार संभावना है। मंत्रालय के कृषि-उद्योग के कार्यवाहक महानिदेशक, पुतु जूली अर्दिका ने कहा, शीरे की प्रचुरता के कारण पूर्वी जावा सबसे संभावित स्थान है। शीरा चीनी प्रसंस्करण उद्योग, विशेष रूप से गन्ना और चुकंदर का एक उपोत्पाद है, जिसे बायोएथेनॉल में संसाधित किया जा सकता है।
वर्तमान में, सरकार ने पेड़ी हटाने के कार्यक्रम के लिए 1.6 ट्रिलियन रुपये (93 मिलियन अमेरिकी डॉलर) आवंटित किए हैं, जिसमें अनुत्पादक गन्ना पौधों का पुनरुद्धार शामिल है। आर्दिका ने बताया कि, आवंटित 1.6 ट्रिलियन रुपये में से, रैटून निष्कासन कार्यक्रम का लक्ष्य 1,00,000 हेक्टेयर भूमि को कवर करना है, जिसका मुख्य ध्यान पूर्वी जावा पर है, जहां 26 जिलों में 70,000 हेक्टेयर भूमि शामिल है। इसके अलावा, जब चीनी आत्मनिर्भरता कार्यक्रम, जिसमें इस क्षेत्र में गन्ने की खेती शामिल है, के परिणाम सामने आएंगे, तो मेराउके भी एक विकल्प बन सकता है।
उन्होंने कहा, हालांकि अगर परियोजना में साबूदाना-आधारित एथेनॉल का उपयोग किया जाता है, तो प्लांट के लिए स्थान का मूल्यांकन अभी भी किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा, अगर यह साबूदाना-आधारित है, तो इस पर वर्तमान में राष्ट्रीय अनुसंधान और नवाचार एजेंसी (BRIN) द्वारा अध्ययन किया जा रहा है। इसे पापुआ, मालुकु, सुलावेसी, कालीमंतन और सुमात्रा जैसे कई स्थानों पर स्थापित किया जा सकता है।
इससे पहले, ऊर्जा एवं खनिज संसाधन मंत्री (ईएसडीएम), बहलिल लाहदालिया ने राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो द्वारा ईंधन मिश्रण में 10 प्रतिशत एथेनॉल के अनिवार्य उपयोग को मंजूरी दिए जाने की घोषणा की थी, ताकि कार्बन उत्सर्जन और ईंधन आयात पर निर्भरता कम की जा सके। उन्होंने कहा कि, 2027 तक E10 को लागू करने के लिए कच्चे माल के रूप में 14 लाख किलोलीटर (केएल) एथेनॉल की आवश्यकता होगी।
लाहदालिया यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि घरेलू प्लांट एथेनॉल की इस मांग को पूरा कर सकें, जिससे आयात की आवश्यकता समाप्त हो जाए। इसलिए, उन्होंने एथेनॉल प्लांटस के विकास के महत्व पर ज़ोर दिया, चाहे वे कसावा, मक्का या गन्ने से उत्पादित हों। उन्होंने बताया कि, दक्षिण पापुआ के मेरौके में एक गन्ना-आधारित एथेनॉल प्लांट स्थापित किए जाने की संभावना है। इस बीच, कसावा-आधारित एथेनॉल प्लांट के स्थान पर अभी भी चर्चा चल रही है।निवेश एवं डाउनस्ट्रीमिंग उप मंत्री, तोदोतुआ पसारिबू ने यह भी बताया कि, जापानी वाहन निर्माता कंपनी टोयोटा ने इंडोनेशिया में एक एथेनॉल प्लांट स्थापित करने में रुचि दिखाई है।












