लखनऊ: अतिरिक्त चिनी उत्पादन के चलते उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के चिनी बिकवाली कोटे में 60% बढ़ोतरी करने की गुहार केंद्र सरकारसे कि है. प्रस्तुत 0.62 मिलियन टनसे प्रतिमाह कोटा बढ़ाकर यह 1 मिलियन टन करने की मांग योगी आदित्यनाथ सरकार ने की है. गन्ना किसानों की बकाया राशि अदा करने के लिए, उत्तर प्रदेश के चिनी विभाग के सचिव भूसारेडीने केंद्र के खाद्यान्न सार्वजनिक वितरण को लिखे हुए एक औपचारिक पत्र में यह गुहार लगाई है. जून माह के लिए निर्धारित 0.62 मिलियन टन चिनी का कोटा बढ़ाकर एक मिलियन टन करने की मांग भूसा रेड्डीजी ने कि है.
महाराष्ट्र के 10.7 टिन उत्पादन की तुलना में उत्तर प्रदेश में 12 मिलियन टन चिनी का उत्पादन हुवा है. उत्तर प्रदेश की तुलना में महाराष्ट्र को अधिक चिनी बेचने की अनुमति मिली हुई है. यह अनुमति अगले दो-तीन दिनों में मिलने की संभावना जताई जारही है. इस माह में निर्धारित चिनी का कोटा बेचना नहीं हुआ, तो अगले माह में बेच सकते है. उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों की 12000 करोड़ रुपयों की बकाया राशि अदा करने में इससे बड़ी मदद हो सकती है. उत्तर प्रदेश की चिनी मिलें अब तक चिनी का कोटा बेचने में सफल नहीं हुई है. इस में परिपेक्ष मे यह महत्वपूर्ण है कि, गन्ना किसानों की आय राशि के लिए चिनी बेचने का कोटा बढ़ाया जाए और बकाया एफआरपी अब अदा कि जाए.
गत सप्ताह में सरकार ने 15 दिनों में किसानों को बकाया राशि अदा करने का आदेश देते हुए, इसमें कल होने वाले चिनी मिलों पर सख्त कारवाई करने की चेतावनी दी थी. राज्य के 28 चिनी मिलोंने 50% से कम बकाया एफआरपी की राशि अदा की है. राज्य के चिनी मिलों ने अबतक रु.1000 करोड़ किसानों को अदा किये है, और रु.12000 करोड़ कि राशी अदा करना बाकी है. चिनी बेचने का कोटा बढ़ाया जाए इससे यह राशि अदा करने में आसानी हो सकती है. राज्य के कई चिनी मिलों ने 90% से अधिक बकाया राशि अदा की है.












