बेलगावी: बेलगावी, विजयपुरा और बागलकोट जिलों के किसानों ने गुरुवार को मुदलगी तालुका के गुरलापुर चौराहे पर विरोध प्रदर्शन किया। उनकी मांग थी कि, कर्नाटक की चीनी मिलें चालू पेराई सत्र की पहली किस्त के रूप में गन्ने के लिए 3,500 रुपये प्रति टन का भुगतान करें। किसानों ने बताया कि, महाराष्ट्र की चीनी मिलें पहले से ही 3,600 रुपये प्रति टन का भुगतान कर रही हैं। प्रदर्शनकारी किसानों ने सरकार और चीनी मिलों के खिलाफ नारे लगाए। उन्होंने अपनी मांगों की अनदेखी करने के लिए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, चीनी मंत्री शिवानंद पाटिल और लोक निर्माण विभाग एवं जिला प्रभारी मंत्री सतीश जरकीहोली की भी आलोचना की।
कर्नाटक राज्य रैयत संघ और हसीरू सेना के अध्यक्ष शशिकांत गुरुजी, प्रदेश अध्यक्ष चूनप्पा पुजारी और इरप्पा हंचनाल, बाबूराव पाटिल, धारेप्पा मंगलौर, मुक्तुम नदाफ और मल्लप्पा अंगड़ी सहित अन्य नेताओं ने चेतावनी दी कि, जब तक गन्ने की कीमत की आधिकारिक घोषणा नहीं हो जाती, तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। उन्होंने ज़िला प्रभारी मंत्री जारकीहोली और उपायुक्त मोहम्मद रोशन से गन्ने की कीमत घोषित करने के लिए धरना स्थल पर आने का आग्रह किया।
किसानों ने आरोप लगाया कि, सरकार ‘चीनी मिलों की गुलाम’ बनकर काम कर रही है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि कई निर्वाचित प्रतिनिधि खुद चीनी मिलों के मालिक हैं और किसानों की दुर्दशा के प्रति उदासीन हैं। उन्होंने कहा कि, चीनी मिलों से सरकार को अच्छा-खासा राजस्व मिलता है, लेकिन किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। उन्होंने आगे कहा, देश की 75% आबादी किसानों की है। सरकारें किसानों के वोटों के आधार पर बनती हैं, फिर भी हमारे मुद्दों पर कोई ध्यान नहीं देता। राजनीतिक दलों के चुनावी घोषणापत्रों में किसानों के लिए बहुत कुछ वादा किया जाता है, लेकिन सत्ता में आते ही ये वादे भुला दिए जाते हैं। राज्यसभा सदस्य इरन्ना कडाडी, जनता दल (सेक्युलर) के उपाध्यक्ष प्रतापराव पाटिल और पूर्व मंत्री शशिकांत नायक ने किसानों की मांगों को अपना समर्थन दिया।


