मांड्या : उपायुक्त कुमार ने कहा कि, कटाई के बाद खेतों से गन्ने की ढुलाई का खर्च किसानों पर नहीं डाला जाना चाहिए। द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, मांड्या में उपायुक्त कार्यालय में किसानों और ट्रक मालिकों के बीच विवाद को सुलझाने के लिए आयोजित एक बैठक में बोलते हुए, कुमार ने ज़ोर देकर कहा कि, सरकार और जिला प्रशासन दोनों ही किसानों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने चीनी मिलों को निर्देश दिया कि, वे किसानों को उनके गन्ने के भुगतान से परिवहन शुल्क न काटें। इसके बजाय, कुमार ने मिल प्रबंधन से ट्रक मालिकों के साथ मिलकर परिवहन खर्च स्वयं वहन करने का आग्रह किया, ताकि किसानों पर आर्थिक रूप से कोई असर न पड़े।
कुमार ने ट्रक मालिकों को गन्ना विकास एवं चीनी निदेशालय द्वारा निर्धारित परिवहन शुल्क किसानों से न वसूलने की भी चेतावनी दी। उन्होंने ट्रक मालिकों और चीनी मिलों, दोनों को सलाह दी कि, वे आपस में इस मुद्दे को सुलझाएँ और परिवहन लागत के संबंध में आपसी सहमति बनाएँ। बैठक में शामिल हुए मेलुकोटे के विधायक दर्शन पुत्तन्नैया ने दोहराया कि न तो ट्रक मालिकों और न ही चीनी मिलों को किसानों पर गन्ने की ढुलाई का खर्च उठाने के लिए दबाव डालना चाहिए।
पुत्तन्नैया ने मांड्या जिले में गन्ने की कटाई के लिए मजदूरों की कमी की ओर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने बताया कि, कर्नाटक और अन्य राज्यों के विभिन्न हिस्सों से मजदूर वर्तमान में मांड्या में कटाई और ढुलाई के काम में लगे हुए हैं।विधायक के अनुसार, राज्य और देश भर से लगभग 206 मजदूरों के समूह वर्तमान में गन्ने की कटाई में सहायता के लिए मांड्या में हैं। बैठक में मैसूरु शुगर कंपनी (माईशुगर) के अध्यक्ष सी.डी. गंधधर, कर्नाटक राज्य ट्रक मालिक संघ के अध्यक्ष षणमुगम, मंड्या की क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी हेमावती और मांड्या जिला ट्रक मालिक संघ के अध्यक्ष वेणुगोपाल भी शामिल हुए।