गन्ना बकाया भुगतान में विफल रही चीनी मिलों को भेजा गया नोटिस

पुणे : चीनी मंडी

कोरोना के संकट के कारण चीनी मिलों समेत गन्ना किसानों की भी मुश्किलें बढ़ चुकी है। मिलें चीनी नहीं बेच रही, जिसके कारण उन्हें राजस्व नहीं मिल रहा और वे गन्ना चुकाने में भी विफल रहे है। वही गन्ना किसानों के सामने भी आर्थिक समस्या पैदा हुई है।

फाइनेंसियल एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, महाराष्ट्र चीनी आयुक्त कार्यालय ने किसानों को उचित और पारिश्रमिक मूल्य (एफआरपी ) भुगतान में विफलता के लिए राज्य के 15 चीनी मिलों को नोटिस जारी किए हैं। यह नोटिस संबंधित क्षेत्रों के क्षेत्रीय संयुक्त निदेशकों द्वारा जारी किए गए हैं जहां राज्य में चीनी मिलें स्थित हैं।

गन्ना नियंत्रण अधिनियम के अनुसार, गन्ना पेराई के 14 दिनों के भीतर मिलों को किसानों को एफआरपी का पूरा भुगतान करना होता है। लेकिन कई चीनी मिलें इसे चुकाने में विफल रही है।

चीनी उद्योग, जो पिछले कुछ वर्षों से वित्तीय संकट में है, अब कोरोना वायरस संकट का सामना कर रहा है। चीनी मिलें दावा करती आ रही है की चीनी की MSP और उत्पादन खर्च में अंतर है और इसलिए MSP बढ़ना चाहिए क्यूंकि उन्हें नुक्सान हो रहा है। ऐसे समय में कोरोना के कारण चीनी की निर्यात ठप हो गई है और घरेलू बाजार में चीनी बिक्री भी पूरी तरह से धीमी हो गई है। चीनी मिलें भी सरकार से लगातार गुहार कर रही है की उन्हें आर्थिक संकट से बहार निकलने के लिए बेल आउट पैकेज की घोसणा की जाए।

महाराष्ट्र में चीनी मिलों को इस सीजन बाढ़ और सुखे के कारण दिक्कतों का सामना करना पडा है।

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