पुणे: गन्ने की खेती में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक के इस्तेमाल से लागत बचत और उत्पादकता में वृद्धि बारामती कृषि विज्ञान केंद्र में सफल रही है। वसंतदादा शुगर इंस्टिट्यूट (VSI) के निदेशकों की मौजूदगी में रविवार (जून 1) को हुई बैठक में राज्य के सहकारी चीनी मिलों में इस प्रयोग को लागू करने के लिए एक पायलट परियोजना को मंजूरी दी गई। इसके लिए महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक, बारामती तालुका में श्री सोमेश्वर सहकारी चीनी मिल और बारामती कृषि विज्ञान केंद्र के बीच एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे और मिल के परिसर में एआई तकनीक का उपयोग करके गन्ने की खेती और प्रदर्शन किए जाएंगे। ‘वीएसआई’ के अध्यक्ष, सांसद शरद पवार की अध्यक्षता में रविवार दोपहर को एक बैठक हुई।
गन्ने की खेती में ‘एआई’ तकनीक के इस्तेमाल को लेकर सोमवार (9 तारीख) को वीएसआई मुख्यालय में प्रमुख सहकारी और निजी मिलों की एक महत्वपूर्ण बैठक होगी। चीनी उद्योग ने मांग की कि, राज्य सहकारी बैंक को संकटग्रस्त चीनी मिलों की मदद करनी चाहिए। कुछ मिलों के प्रतिनिधियों ने यह मुद्दा भी उठाया कि कुछ मिलों ने उसी उद्देश्य के लिए दी गई ऋण राशि का उपयोग नहीं किया। बैठक में गन्ना खेती में एआई तकनीक के इस्तेमाल के साथ ही चीनी से प्लास्टिक जैसे पदार्थ पॉली लैक्टिक एसिड (पीएलए) के उत्पादन पर भी प्रस्तुति दी गई। इसके लिए कुछ कंपनियों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। इस बैठक में दूध से पनीर के उत्पादन के बाद बची हुई डेयरी सामग्री से एथेनॉल के उत्पादन पर भी प्रस्तुति दी गई।












