पुणे: राज्य में चीनी मिलों का 2025-26 गन्ना पेराई सत्र 1 नवंबर से शुरू हुआ है। राज्य की कुल 214 सहकारी और निजी चीनी मिलों ने चीनी आयुक्तालय में पेराई परमिट के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। इनमें से 192 चीनी मिलों को 18 नवंबर तक पेराई परमिट का आवंटन किया गया है और 22 मिलों को अभी भी पेराई परमिट का इंतजार है।
क्षेत्रीय चीनी संयुक्त निदेशक द्वारा प्राप्त आवेदनों की आयुक्तालय स्तर पर जांच की गई। चीनी आयुक्तालय की ओर से बताया गया कि, नियमों का पालन करने वाली चीनी मिलों को पेराई परमिट वितरित कर दिए गए हैं। चीनी आयुक्तालय के संयुक्त निदेशक (विकास) महेश झेंडे ने ‘चीनीमंडी’ को बताया कि, अन्य मिलों के आवेदनों की भी जांच की जा रही है और नियमों के अधीन पेराई परमिट जारी किए जाएँगे।
इस बीच, राज्य में पेराई सत्र ने गति पकड़ ली है। कोल्हापुर, सांगली, सतारा, सोलापुर और अहिल्यानगर जिलों के किसान संगठन गन्ने की कीमतों को लेकर अभी भी आक्रामक हैं। चूँकि महाराष्ट्र में गन्ने की कीमतें कर्नाटक से ज़्यादा हैं, इसलिए कर्नाटक के सीमावर्ती इलाकों के किसान महाराष्ट्र की गन्ना मिलों को गन्ना भेजने के लिए उत्सुक हैं। कई किसान महाराष्ट्र की मिलों को गन्ना भेज भी रहें है।


















