उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बिदरी में दूधगंगा वेदगंगा सहकारी चीनी मिल द्वारा स्थापित इथेनॉल उत्पादन संयंत्र का उद्घाटन किया। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने सरकार की इथेनॉल नीति के लाभों पर प्रकाश डाला।
पवार ने कहा की इथेनॉल नीति ने गन्ने के रस और मोलासेस से इथेनॉल का उत्पादन बढ़ाने में मदद की है। भारत ने इथेनॉल उत्पादन बढ़ाकर कच्चे तेल के आयात पर अपनी निर्भरता कम की है। पेट्रोल की तुलना में इथेनॉल एक स्वच्छ ईंधन है। ग्रीनहाउस गैसों में कमी आई है और किसानों को एक गारंटीकृत बाजार और इस तरह वित्तीय स्थिरता भी मिली है।”
भारत अपने इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम में उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है क्योंकि यह इथेनॉल उत्पादन को बढ़ा रहा है। चालू इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2024-25 में, पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण अप्रैल में 19.7 प्रतिशत तक पहुंच गया, जबकि नवंबर 2024 से अप्रैल 2025 तक संचयी औसत इथेनॉल मिश्रण 18.6 प्रतिशत रहा।
सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) को अप्रैल 2025 में ईबीपी कार्यक्रम के तहत 87.9 करोड़ लीटर इथेनॉल प्राप्त हुआ, जिससे नवंबर 2024 से अप्रैल 2025 तक संचयी कुल 457.4 करोड़ लीटर हो गया। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2025 में ईबीपी कार्यक्रम के तहत मिश्रित इथेनॉल की कुल मात्रा 86 करोड़ लीटर थी, जिससे नवंबर 2024 से अप्रैल 2025 तक कुल 477.1 करोड़ लीटर हो गई।