महाराष्ट्र – गन्ने के खेतों में तेंदुओं पर अब CCTV से रखी जाएगी नजर: फॉरेस्ट डिपार्टमेंट एक्शन मोड पर

सतारा: इंसान-तेंदुआ टकराव बढ़ने लगा है। तेंदुए अब घनी फसलों वाले खेतों में इंसानी बस्तियों के पास रहने लगे हैं। साथ ही, कराड, पाटन, सतारा तालुका में जब गन्ने की कटाई चल रही थी, तब तेंदुए के बच्चे मिले थे। इसे देखते हुए, फॉरेस्ट डिपार्टमेंट एक्शन मोड पर आ गया है और अब तेंदुओं की संख्या का अंदाज़ा लगाने के लिए गन्ने, केले के बागों, हाथी घास के खेतों में CCTV कैमरे लगाए जाएंगे।

राज्य में तेंदुओं की बढ़ती संख्या और इंसानी बस्तियों में उनके बढ़ते मूवमेंट के कारण, राज्य सरकार ने अब जंगलों के बाहर भी तेंदुओं का सर्वे करने का फैसला किया है। इसे देखते हुए, गन्ने, केले के बागों, कपास के खेतों, हाथी घास के खेतों में CCTV कैमरे लगाए जाएंगे। इस सर्वे से मिला डेटा राज्य और केंद्र सरकारों की वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन पॉलिसी के लिए दिया जाएगा।

राज्य में गन्ने, हाथी घास और केले के बागों में तेंदुओं की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है। खेतों में काम करने गए किसानों पर भी तेंदुए हमला कर रहे हैं। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि तेंदुओं की सही जानकारी या संख्या होनी चाहिए ताकि उन पर सही कंट्रोल किया जा सके। खास तौर पर, हर चार साल में तेंदुओं की जनगणना की जाती है।

अभी, 2022 की जनगणना के अनुसार राज्य में 2,285 तेंदुए पाए गए थे। हालांकि, पिछले कुछ सालों में यह देखा गया है कि तेंदुए जंगल से बाहर आकर गन्ने, कपास, केले, अंगूर के बगीचों और हाथी घास की फसलों में रह रहे हैं। इसलिए, CCTV कैमरे लगाए जाएंगे ताकि फॉरेस्ट डिपार्टमेंट अपनी वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन पॉलिसी के लिए जंगल के बाहर की एक्टिविटीज़ पर फोकस कर सके।

न सिर्फ जंगल में बल्कि खेतों के किनारों पर भी तेंदुओं का सर्वे किया जाएगा। इसके लिए गन्ने, केले के बगीचों और हाथी घास जैसी जगहों पर भी कैमरे लगाए जाएंगे। सतारा फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के डिप्टी कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट अमोल सातपुते ने कहा कि इस सर्वे से मिले डेटा से तेंदुओं की मूवमेंट को कंट्रोल करने और इंसान-तेंदुए के टकराव को कम करने में मदद मिलेगी।

जनगणना की तैयारी शुरू…

राज्य सरकार अगले साल जंगली जानवरों की जनगणना करेगी। सतारा फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने भी इस जनगणना की तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में खेतों में लगे CCTV कैमरे फायदेमंद होंगे। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने यह काम अपने हाथ में ले लिया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here