कोल्हापुर: स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के नेता और पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने गुरुवार को संगठन द्वारा आयोजित 24वें गन्ना सम्मेलन में चेतावनी दी कि, आने वाले पेराई सत्र में गन्ने के लिए 3,751 रुपये प्रति टन की एकमुश्त राशि का भुगतान किए बिना वे गन्ने की कटाई नहीं होने देंगे। उन्होंने यह भी मांग की कि, पिछले सीजन के गन्ने का अंतिम बिल एफआरपी से 200 रुपये अधिक दिया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि, अगर चीनी मिलर्स 10 नवंबर तक कोई निर्णय लेते हैं तो वे आंदोलन शुरु करेंगे। इस बीच, उन्होने यह भी घोषणा की कि, किसानों की कर्जमाफी के लिए 28 अक्टूबर को अमरावती से नागपुर तक एक लंबा मार्च निकाला जाएगा।
जयसिंगपुर के विक्रम सिंह मैदान में आयोजित गन्ना सम्मेलन में पश्चिमी महाराष्ट्र और कर्नाटक के हजारों किसान शामिल हुए।कार्यकर्ता हसन मुरसान ने बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान शेट्टी ने कहा कि, चीनी मिलें और सरकार मिलकर एफआरपी की धज्जियाँ उड़ा रही हैं। शेट्टी ने चीनी मिलों द्वारा की जाने वाली घटतौली और रिकवरी चोरी की भी कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि, एक मिल जो सामान्यतः प्रतिदिन 5000 टन गन्ना पेराई करती है, वह मिल 500 टन गन्ने की घटतौली करती है। इससे हर दिन 15 लाख रुपये का काला धन निकलता है। साथ ही कटाई और परिवहन के खर्च में किसानों को लूटा जा रहा है। वह इस संबंध में अदालत में अपील करेंगे। शेट्टी ने किसानों से अदालत और सड़क पर लड़ने के लिए तैयार रहने की अपील की।
गन्ना परिषद में अठारह प्रस्ताव पारित किए गए। इनमें, घटतौली और रिकवरी चोरी रोकने के लिए एआई तकनीक का उपयोग किया जाना चाहिए, चीनी का समर्थन मूल्य 3,100 रुपये से बढ़ाकर 4,500 रुपये किया जाना चाहिए, शक्तिपीठ राजमार्ग को समाप्त किया जाना चाहिए, सोयाबीन, चावल, मक्का और चना के लिए गारंटीकृत कीमतों पर खरीद केंद्र खोले जाने चाहिए आदि प्रस्ताव पारित किए गए। इस अवसर पर दीपिका कोकरे, पुरंदर पाटील, विजय रणदिवे, पोपट मोरे, अजित पोवार, अमर कदम, सूर्यभान जाधव, किशोर ढगे, प्रकाश पोफले ने भाषण दिए। तानाजी वाठारे ने सभा का स्वागत किया। विठ्ठल मोरे ने परिचय दिया। सम्मेलन में सुभाष शेट्टी, राजेंद्र गड्डूयन्नवर, विक्रम पाटिल, डॉ. महावीर अक्कोले, सचिन शिंदे आदि उपस्थित थे।