महाराष्ट्र: बकाया FRP मामले में जब्ती की कार्रवाई रुकी; 35 फैक्ट्रियों पर 75 करोड़ 45 लाख रुपये बकाया

पुणे: दैनिक पुढारी में प्रकाशित खबर के मुताबिक, राज्य में इस साल का गन्ना पेराई सीजन भले ही 1 नवंबर से शुरू हो गया हो, लेकिन 35 चीनी फैक्ट्रियों पर पिछले साल के सीजन का FRP का करीब 75 करोड़ 45 लाख 18 हजार रुपये बकाया है। शुगर कमिश्नरेट ने इस बारे में संबंधित फैक्ट्रियों की सुनवाई की है। हालांकि, रेवेन्यू रिकवरी सर्टिफिकेट (RRC) के अनुसार, संबंधित फैक्ट्रियों के खिलाफ अभी तक ज़ब्ती का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। किसान संगठनों का ध्यान इस बात पर है कि, शुगर कमिश्नरेट क्या कार्रवाई करेगा।

स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के एडवोकेट योगेश पांडे ने ‘पुढारी’ को बताया की, हमारी मांग है कि पिछले साल की FRP राशि का भुगतान ब्याज के साथ किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि, गन्ना मूल्य नियंत्रण आदेश 1966 के अनुसार, यदि 14 दिनों के भीतर FRP राशि का भुगतान नहीं किया जाता है, तो देर से भुगतान की गई FRP राशि पर 15 प्रतिशत की दर से ब्याज लगाने का प्रावधान है। इसलिए, हमारी मांग है कि किसानों को ब्याज के साथ राशि मिलनी चाहिए।

जय शिवराय किसान संगठन के अध्यक्ष शिवाजी माने ने ‘पुढारी’ को बताया कि, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, कोई भी सुनवाई पूरी होने के 15 दिनों के भीतर फैसला देना अनिवार्य है। हमारी सुनवाई पूरी हुए और साथ ही संयुक्त बातचीत को एक महीना बीत चुका है। शुगर कमिश्नरेट की तरफ से फैक्ट्रियों पर कार्रवाई करने के ऑर्डर जारी करने में देरी हुई है।उन्होंने दावा किया की, शुगर कमिश्नरेट सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर का उल्लंघन कर रहा है और हम इसकी शिकायत करेंगे। शनिवार (6 तारीख) को हुई ऑर्गनाइजेशन की मीटिंग में एकमत से यह तय किया गया है कि शुगर कमिश्नरेट को ई-मेल से अपनी स्थिति से अवगत कराया जाएगा और शुगर कॉम्प्लेक्स (साखर संकुल) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

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