पुणे: राज्य के सभी हिस्सों में पेराई सीजन ने रफ्तार पकड़ ली है। राज्य की ज्यादातर शुगर फैक्ट्रियों ने पहले फ़ेज़ में गन्ना कटाई मशीनों की मदद ली है, जिससे कटाई की रफ़्तार बढ़ गई है। पिछले सीज़न में, राज्य में 21 दिसंबर 2024 के आखिर तक 268 लाख टन गन्ने की पेराई हुई थी। इस साल 21 दिसंबर 2025 तक 446 लाख टन की पेराई हुई है। पिछले साल के मुकाबले इस बार गन्ने की पेराई 66.4 प्रतिशत ज्यादा हुई है। इसमें पुणे डिवीजन 109 लाख टन गन्ने की पेराई करके सबसे आगे है। पिछले साल, 21 दिसंबर के आखिर तक 22 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था।इस साल अब तक 38 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है।
इस साल, मई में शुरू हुई बारिश नवंबर तक जारी रही। राज्य के ज्यादातर गन्ना बेल्ट में ऐसा ही हुआ। इस वजह से गन्ना अपनी पूरी क्षमता से नहीं उग पाया। इसका बुरा असर गन्ने की कटाई के दौरान देखा जा रहा है। किसानों ने बताया कि इस साल उम्मीद के मुकाबले गन्ने के प्रोडक्शन में प्रति एकड़ पांच से दस टन की कमी आई है। हालांकि, चीनी प्रोडक्शन में कोल्हापुर डिवीजन सबसे आगे है। पहले डेढ़ महीने में कोल्हापुर डिवीजन ने 9.8 लाख टन चीनी का प्रोडक्शन किया है, जिसमें 10 परसेंट की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पुणे डिवीजन ने 9.6 लाख टन चीनी का प्रोडक्शन किया है, जिसमें 8.78 परसेंट की कमी आई है। चीनी मिलों के चेतावनी के बावजूद गन्ना कटाई में किसानों के आर्थिक शोषण की तस्वीर सामने आ रही है।

















