इस्लामाबाद : आधिकारिक सूत्रों ने पुष्टि की कि, पाकिस्तान सरकार ने अस्वीकार्य रूप से ऊँची कीमतों और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा उठाई गई चिंताओं के कारण 1,00,000 मीट्रिक टन चीनी के आयात की निविदा रद्द करने का निर्णय लिया है। पाकिस्तान व्यापार निगम (TCP) ने घरेलू बाजार में चीनी की बढ़ती कीमतों को देखते हुए 3 अगस्त को निविदा जारी की थी। हालाँकि, तीन कंपनियों द्वारा प्रस्तुत बोलियाँ मूल्य, दाने के आकार और गुणवत्ता संबंधी सरकार के आवश्यक मानकों को पूरा नहीं कर पाईं।
सूत्रों ने बताया कि, बारीक दाने वाली चीनी की प्रस्तावित दरें 539 डॉलर से 567 डॉलर प्रति टन के बीच थीं, जबकि मध्यम आकार की चीनी की कीमत 599 डॉलर प्रति टन थी। अधिकारियों ने इन दरों को बहुत अधिक माना। इसके अलावा, कराची बंदरगाह पर माल ढुलाई, माल उतारने, ट्रकों में लादने और अंतर्देशीय परिवहन सहित अतिरिक्त लागतों ने सरकार पर वित्तीय बोझ और बढ़ा दिया होता।
अधिकारियों ने ज़ोर देकर कहा कि, चीनी खरीद प्रक्रिया में किसी भी प्रक्रियागत उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और मूल्य व गुणवत्ता मानकों का कड़ाई से पालन किया जाएगा। इस बीच, आईएमएफ ने आयातित चीनी पर कर छूट और सब्सिडी देने की पाकिस्तान की योजना पर गंभीर आपत्तियाँ व्यक्त की हैं। आईएमएफ ने कथित तौर पर चेतावनी दी है कि, इस तरह के उपाय मौजूदा 7 अरब डॉलर के ऋण कार्यक्रम को कमजोर कर सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार, सरकार ने आयातित चीनी पर 55 रुपये प्रति किलोग्राम की सब्सिडी का प्रस्ताव रखा था, जिसकी देश में पहुँचने पर कीमत 249 रुपये प्रति किलोग्राम होती। आईएमएफ ने इस कदम का विरोध किया और आर्थिक सुधार प्रतिबद्धताओं को खतरे में डालने वाले किसी भी राजकोषीय समर्थन के खिलाफ सलाह दी।