पाकिस्तान: PTI ने चीनी घोटाले और चीनी माफिया के प्रभाव की जांच की मांग की

इस्लामाबाद : विपक्षी दल पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने चीनी घोटाले और देश के सत्ता गलियारों में इस आवश्यक वस्तु के कारोबार से जुड़े ‘माफिया’ के कथित प्रभाव की जाँच के लिए एक संसदीय समिति के गठन की मांग की। यह मांग सीनेट में ऐसे समय में आई है जब प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ प्रशासन और चीनी उद्योग पिछले कुछ महीनों से चीनी की कीमतों में भारी वृद्धि के कारण कड़ी आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं।

दी नेशन में प्रकाशित खबर के अनुसार, पीटीआई के संसदीय नेता सीनेटर अली ज़फ़र ने सदन में एक प्रस्ताव पर बोलते हुए चीनी घोटाले में शामिल सभी लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की और 14 दिनों के भीतर सीनेट को एक व्यापक रिपोर्ट सौंपने की मांग की। उन्होंने कहा, इस सदन को चुप नहीं रहना चाहिए। भाषणों का समय खत्म हो गया है। अब कार्रवाई का समय है। सीनेटर ज़फ़र ने कहा कि, पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ती कीमतों और “गला काटने वाले” बिजली बिलों ने आम आदमी का जीवन दयनीय बना दिया है।

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि, पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी से हर ज़रूरी चीज़ महंगी हो गई है, जिससे नागरिकों के लिए अपने जीवन-यापन के खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। इससे पहले, पाकिस्तान प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीपी) के प्रदर्शन पर चर्चा के प्रस्ताव पर बोलते हुए, पीटीआई के संसदीय नेता ने उपभोक्ता संरक्षण को एक मुक्त अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख तत्व बताया, जहाँ कार्टेलों से सख्ती से निपटा जाता है। बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) के सीनेटर दानेश कुमार ने भी कहा कि, कार्टेल माफिया लूट में व्यस्त है और सीसीपी विफल रही है।

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