पुणे: स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के संस्थापक पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने शुगर कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा और कहा की,राज्य की 163 चीनी मिलों का पेराई सीजन शुरू हुए 40 दिन हो चुके हैं। 1 नवंबर से 15 नवंबर के बीच पेराई किए गए गन्ने का करीब 2,000 करोड़ रुपये का गन्ना बिल बकाया है। बकाया भुगतान को लेकर संबंधित चीनी मिलों के खिलाफ RRC के तहत तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए और किसानों के बकाया गन्ने के बिल तुरंत चुकाए जाने चाहिए।
ज्ञापन में कहा गया है कि, राज्य की चीनी मिलों का पेराई सीजन 1 नवंबर से शुरू हो गया है। चालू साल के पेराई सीजन में, 163 चीनी मिलों ने 15 नवंबर तक एक करोड़ 10 लाख टन गन्ने की पेराई की है। इनमें से 34 चीनी मिलों ने 100 प्रतिशत FRP का भुगतान कर दिया है, और 129 चीनी मिलों पर करीब 2,005 करोड़ रुपये का FRP बकाया है। इस वजह से शुगर कमिश्नर से किसानों के अकाउंट में बकाया FRP रकम 15 प्रतिशत ब्याज के साथ जमा करने की मांग की गई है।
उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एकमुश्त FRP के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज पिटीशन फाइल की है और मांग की है कि गन्ना किसानों को तीन फेज में FRP दिया जाए। इस पिटीशन की सुनवाई चल रही है और अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होगी। 9 नवंबर को हुई सुनवाई में राज्य सरकार, शुगर एसोसिएशन और राज्य की शुगर फैक्ट्रियों ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी। कोर्ट ने इस मामले पर अर्जेंट सुनवाई तय की है। चूंकि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज पिटीशन फाइल की है और शुगर फैक्ट्रियों का साथ दिया है, इसलिए राज्य की शुगर फैक्ट्रियां FRP देने में आनाकानी कर रही हैं। खासकर मराठवाड़ा और विदर्भ, सोलापुर और पुणे जिलों की फैक्ट्रियों का बकाया FRP बहुत ज्यादा बना हुआ है।


















