नई दिल्ली : रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष के बीच कच्चे तेल की कीमतें 95 से 125 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में रहने की उम्मीद है। नतीजतन भारत के पेट्रोल और डीजल की घरेलू कीमतों में 15-22 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि होने की उम्मीद है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह उम्मीद की जा रही है कि, तेल कंपनियां 7 मार्च को या उसके बाद मौजूदा कीमतों में संशोधन करेगी, जो कि पांच राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनावों में मतदान का आखिरी दिन है। हालांकि, उत्पाद शुल्क में कटौती से पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर असर कुछ हद तक कम हो सकता है, लेकिन पूरी तरह से नहीं। फिलहाल भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी कच्चे तेल का आयात करता है। गुरूवार को ब्रेंट इंडेक्स कच्चा तेल 10 साल के उच्च स्तर यानी 119.84 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था। उम्मीद कि है कि 10-15 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी होगी। हालांकि, तनाव में किसी भी वृद्धि से कच्चे तेल की कीमतों में और तेजी आएगी।













