जमा और खर्च का पूरा बैलेंस शीट तैयार करे और फिर चर्चा के लिए वापस आए: अमित शाह का चीनी मिल मालिकों को निर्देश

नांदेड़: खुले बाजार में बिकने वाली चीनी के दाम में ‘एफआरपी’ में की गई वृद्धि की तुलना में कोई वृद्धि नहीं की गई है। इसके कारण सहकारी चीनी उद्योग क्षेत्र पर गहरा संकट मंडरा रहा है और यदि यही नीति जारी रही तो मिलें बंद हो जाएंगी, यह आशंका चीनी मिल मालिकों ने केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह के समक्ष व्यक्त की। इस अवसर पर मंत्री शाह ने मिलर्स से अपनी समस्या को दस्तावेजों पर सही तरीके से प्रस्तुत करें और चार्टर्ड अकाउंटेंट से जमा और खर्च का पूरा बैलेंस शीट तैयार कर चर्चा के लिए वापस आने के निर्देश दिए।

पिछले सोमवार को नांदेड़ आए केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह से सहकारी और निजी चीनी मिल मालिकों के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। ‘लोकसत्ता’ ने खबर प्रकाशित की है कि, शाह चीनी मिलर्स के “MSP में वृद्धी न होने से चीनी उद्योग बंद पड़ सकता है’’, इस दावे पर नाराज हो गए। खबर में कहा गया है कि, प्रतिनिधिमंडल में सांसद अशोक चव्हाण, राज्य चीनी संघ के पूर्व अध्यक्ष जयप्रकाश दांडेगांवकर, भाऊराव चव्हाण, चीनी मिल के अध्यक्ष नरेंद्र चव्हाण और निजी चीनी मिल के मालिक मारोतराव कावले शामिल थे। इस बैठक के दौरान मुख्यमंत्री फडणवीस और पालकमंत्री अतुल सावे मौजूद थे।

पिछले तीन वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा गन्ने के ‘एफआरपी’ में की गई वृद्धि की तुलना में खुले बाजार में बिकने वाली चीनी की कीमत में वृद्धि नहीं हुई है। इसके कारण सहकारी चीनी उद्योग संकट में आ गया है और यदि यह नीति जारी रही तो मिलें बंद हो जाएंगी, ऐसी शिकायत मिलर्स ने की। हालांकि, दांडेगावकर ने कहा कि इस मुद्दे को शाह ने समझा। चर्चा के दौरान गन्ने के एफआरपी और गन्ने के बाजार मूल्य के बीच भारी अंतर को उठाने के बाद शाह ने कहा कि, मिलें अपने मुद्दे को दस्तावेजों पर ठीक से प्रस्तुत करें और चार्टर्ड अकाउंटेंट से संचित खर्चों की पूरी बैलेंस शीट तैयार करें और फिर चर्चा के लिए वापस आएं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here